
जनता को कोरोना की दवा नहीं मिलती,नेताओं के पास इतना स्टॉक कहां से?
The Quint
corona pandemic remdesivir: जनता को कोरोना की दवा नहीं मिलती,नेताओं के पास इतना स्टॉक कहां से? रेमडेसिविर बांट रहे नेता covid pandemic remdesivir medical supplies politicians hoarding distributing
भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत से ही अखबारों और टेलीविजन चैनलों में ऐसी तस्वीरों की बाढ़ आ गई जिसमें लोग केमिस्ट की दुकान ,फार्मेसी और हॉस्पिटल के आगे लंबी लाइन लगाकर खड़े थे. वे रेमडेसिवीर जैसी सिर्फ 'प्रिसक्रिप्शन' वाली दवाइयों को खरीदने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, जिसकी आपूर्ति इस राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ आपातकाल के बीच अभूतपूर्व मांग के कारण कम पड़ने लगी है.आम आदमी के पास मरीज के लिए दवाई नहीं फिर राजनेताओं को बांटने के लिए कहां से मिल रहा है?महामारी की शुरुआत से 1 वर्ष के बीच रेमडेसिवीर कई चरणों से गुजरा,कोविड-19 के लिए 'प्रॉमिसिंग' ड्रग्स से लेकर ऐसा ड्रग्स जिसमें बड़े पैमाने पर चिकित्सीय ट्रायल में बीमारी की तीव्रता या मृत्यु दर घटाने का सबूत नहीं पाया गया. इसके बावजूद इस इंजेक्शन ने राष्ट्रीय उपचार गाइडलाइंस में जगह पा ली और भारत में कई क्लीनिक और अस्पताल नियमित तौर पर इसका इसको प्रिसक्राइब कर रहे हैं.रेमडेसिवीर के लिए भीड़ और नेताओं द्वारा जमाखोरी और वितरण की रिपोर्टहालांकि भारत में कोविड-19 के पहले लहर के तुरंत बाद जैसे ही संक्रमण के मामले कम होने लगे ,उत्पादन क्षमता लगभग 3.5 मिलियन वाइल्स प्रति महीने (अक्टूबर 2020 )से लगभग शून्य (फरवरी 2021) तक चला गया .लेकिन अप्रैल 2021 में कोविड मामलों में त्वरित और अचानक उछाल से ना सिर्फ रेमडेसिवीर की मांग बढ़ी है बल्कि दूसरे आवश्यक दवाइयों और मेडिकल सप्लाई जैसे मेडिकल ऑक्सीजन और सिलेंडर/कंसंट्रेटर की मांग भी बेतहाशा बढ़ी है .बढ़ते संकट के बीच राजनैतिक पार्टियों, राजनेताओं और उनके जानकारों द्वारा रेमडेसिवीर जैसे ड्रग्स की जमाखोरी या वितरण की खबरें आने लगी - यह भी तब जब सरकारी अस्पतालों और स्थानीय दवा की दुकानों में इसकी भारी किल्लत हो रही थी.वर्तमान सांसद, विधायक ,यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री पर भी इसका आरोप है .कुछ चुने हुए नेताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से यह घोषणा कर दी कि यह इंजेक्शन उनके ऑफिस पर उपलब्ध होगा ,सिर्फ और सिर्फ उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिएइसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका(PIL) दायर की गई ताकि कोविड-19 दवाइयों की जमाखोरी और अवैध वितरण के लिए इन राजनेताओं पर FIR किया जा सके, जिसके कारण जनता...More Related News