जगतार सिंह ग्रेवाल: पंजाब और सिख समुदाय का अतीत और विविधताएं दर्ज करने वाले इतिहासकार
The Wire
स्मृति शेष: इतिहासकार जेएस ग्रेवाल अपने काम में मध्यकालीन भारत और विशेष रूप से पंजाब की सामाजिक विविधता और सांस्कृतिक बहुलता को रेखांकित करते रहे. इसके अलावा उन्होंने सिख इतिहास से जुड़े दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेज़ों का जो संकलन-संपादन किया, वह इतिहास के अध्येताओं के लिए प्रेरणादायी है.
मध्यकालीन भारत, पंजाब और सिख समुदाय के इतिहास के विविध पक्षों को अपनी विचारोत्तेजक कृतियों में विश्लेषित करने वाले इतिहासकार जगतार सिंह ग्रेवाल का 95 वर्ष की आयु में 11 अगस्त, 2022 को निधन हो गया.
पंजाबी, फारसी, उर्दू आदि भाषाओं पर अपनी गहरी पकड़ और ऐतिहासिक स्रोतों की श्रमसाध्य खोजों के ज़रिये जेएस ग्रेवाल मध्यकालीन भारत और विशेष रूप से पंजाब की सामाजिक विविधता और सांस्कृतिक बहुलता को रेखांकित करते रहे.
वर्ष 1927 में अविभाजित पंजाब में पैदा हुए जेएस ग्रेवाल ने लंदन यूनिवर्सिटी से वर्ष 1963 में पीएचडी की उपाधि हासिल की, जहां इतिहासकार पीटर हार्डी उनके शोध-निर्देशक रहे. पीएचडी के अपने शोध-ग्रंथ में जेएस ग्रेवाल ने मध्यकालीन भारत के इतिहास पर औपनिवेशिक काल में ब्रिटिश इतिहासकारों द्वारा किए इतिहासलेखन का विश्लेषण किया.
उनका यह शोध-ग्रंथ वर्ष 1970 में ‘मुस्लिम रूल इन इंडिया: द एसेसमेंट्स ऑफ ब्रिटिश हिस्टोरियंस’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ. इसमें उन्होंने विशेषकर अठारहवीं-उन्नीसवीं सदी में अंग्रेज़ों द्वारा मध्यकालीन भारत पर लिखी गई पुस्तकों और उनकी स्थापनाओं के दूरगामी प्रभावों का विवेचन किया.