
छत्तीसगढ़: नक्सल विरोधी अभियान की जांच की मांग करने पर कोर्ट ने कार्यकर्ता पर जुर्माना लगाया
The Wire
सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार और अन्य ने एक याचिका में 2009 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए एक नक्सल विरोधी अभियान में क़रीब एक दर्जन ग्रामीणों के मारे जाने का दावा करते हुए जांच की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है और छत्तीसगढ़ सरकार से उन पर कार्रवाई करने को भी कहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 2009 में छत्तीसगढ़ में एक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान एक गांव में कुछ ग्रामीणों के मारे जाने की घटना की, स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर पांच लाख रुपये का कठोर जुर्माना भी लगाया.
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दंतेवाड़ा में करीब एक दर्जन ग्रामीणों के मारे जाने की घटना की जांच कराए जाने की मांग करते हुए कुमार व अन्य की तरफ से याचिका दायर की गई थी.
लाइव लॉ के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं में हिमांशु कुमार के साथ 12 अन्य लोगों के भी नाम थे. पीठ ने 19 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.