छत्तीसगढ़: समय से खाना पकाकर नहीं दिया तो पैरेंट्स ने 12 साल की बेटी की जान ले ली, जंगल में फेंकी लाश
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सरगुजा जिले के खाला दरिमा गांव में रहने वाले विश्वनाथ एक्का ने जून महीने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी. पुलिस की तहकीकात के बाद पता चला है कि लड़की के माता-पिता ने ही उसकी हत्या करने के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में माता-पिता की क्रूरता की चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां माता-पिता ने अपनी ही 12 साल की बेटी को मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश जंगल में फेंक दी. घटना जून महीने की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक सरगुजा जिले के खाला दरिमा गांव में रहने वाले विश्वनाथ एक्का ने जून महीने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी.
लड़की के पिता विश्वनाथ एक्का ने बताया कि 28 जून को जब वे घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बेटी ने खाना नहीं बनाया और बैलों को चारा भी नहीं दिया. इससे नाराज होकर उन्होंने अपनी बेटी को डंडे से पीटना शुरू कर दिया. पिटाई के दौरान लड़की जमीन पर गिर गई. उसका सिर एक पत्थर से टकरा गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. घटना के समय पीड़िता की मां भी घर पर ही थी.
घटना को अंजाम देने के बाद विश्वनाथ एक्का और उनकी पत्नी ने लाश को पास के जंगल में फेंक दिया. अगले ही दिन दोंनों दरिमा पुलिस थाने पहुचे और लड़की की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी.
शिकायत दर्ज होने के बाद 26 अगस्त को लड़की के पिता ने ही पुलिस को फोन किया. पिता ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी का क्षत-विक्षत शरीर तुला के जंगल में पड़ा मिला है. उसने अपनी बेटी की पहचान कपड़ों और चप्पलों से की है.
पुलिस ने जब विश्वनाथ एक्का और उसकी पत्नी से पूछताछ शुरू की तो दोनों के झूठ का पर्दाफाश हो गया. सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने ही बेटी की हत्या करना स्वीकार कर लिया. दोनों के खिलाफ हत्या के अलावा सबूतों से छेड़छाड़ करने का मामला भी दर्ज किया गया है. पुलिस की जांच अभी जारी है.
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