
छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का असर, कुपोषित बच्चों की संख्या में 32 फीसदी की कमी
ABP News
कोरोना संकट के समय में सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद होने के बावजूद भी बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को बनाए रखा गया.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर राज्य में सुपोषण अभियान का अच्छा असर देखने को मिलने लगा है. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है. प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 फीसदी अर्थात एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है. जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है. बहुत ही कम समय में ही प्रदेश में कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी आई है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है. राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 साल से कम उम्र के 37.7 फीसदी बच्चे कुपोषण और 15 से 49 साल की 47 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे. इन आंकड़ों को देखे तो कुपोषित बच्चों में से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे. राज्य सरकार ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और 'कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़' की संकल्पना के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की. अभियान को सफल बनाने के लिए इसमें जन-समुदाय का भी सहयोग लिया गया.More Related News