छत्तीसगढ़: बड़े नेताओं पर टिप्पणी पड़ी भारी, कांग्रेस ने दो पूर्व विधायकों को किया निष्कासित ...पूर्व मंत्री को भेजा नोटिस
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बृहस्पत सिंह और विनय जयसवाल के निष्कासन आदेश में कहा गया है कि 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उनके द्वारा प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव हारने के कुछ दिनों बाद, कांग्रेस ने गुरुवार को अपने दो पूर्व विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया और एक पूर्व मंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया. छत्तीसगढ़ में हाल में संपन्न हुए चुनाव में भाजपा 90 सदस्यीय सदन में 54 सीटें जीतकर सत्ता में वापस आई, जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई. उसने 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और डॉ. विनय जयसवाल को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 6 साल की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया गया.
बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल को 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए टिकट नहीं दिया गया था और दोनों ने चुनाव में हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कई आरोप लगाए. रामानुजगंज (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने चुनाव में हार के लिए एआईसीसी महासचिव और छत्तीसगढ़ के लिए पार्टी प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहराया था.
बृहस्पत सिंह ने टीएस सिंह देव पर की थी टिप्पणी
जुलाई 2021 में, बृहस्पत सिंह ने टीएस सिंह देव पर उनके फॉलो गार्ड के वाहन पर हमला करने का आरोप लगाया था और उनसे अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी. 2018 में मनेंद्रगढ़ से पहली बार विधायक चुने गए विनय जायसवाल ने कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद दावा किया था कि उन्होंने एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव और राज्य प्रभारी चंदन यादव को पैसे दिए थे. बृहस्पत सिंह और विनय जयसवाल के निष्कासन आदेश में कहा गया है कि 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उनके द्वारा प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के निर्देश पर दोनों नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस में पार्टी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था और (पिछली) कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने परोक्ष रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगाए थे. नोटिस में कहा गया है कि अग्रवाल के बयान से पार्टी की छवि खराब हुई है और उनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
विनय अग्रवाल ने साधा था भूपेश बघेल पर निशाना
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