छत्तीसगढ़: पुलिस कैंप के ख़िलाफ़ उतरे 40 गाँवों के लोग, क्या है पूरा मामला?
BBC
सिलगेर पंचायत के तीन गांवों के अलावा आसपास के कम से कम 40 गांवों के लोग सीआरपीएफ़ की 153वीं बटालियन के कैंप के ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं.
माओवाद प्रभावित सुकमा ज़िले के सिलगेर में पुलिस फ़ायरिंग में तीन आदिवासियों की मौत के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. रविवार को बीजापुर और सुकमा ज़िले के कलेक्टरों के साथ बैठक के बाद भी आदिवासी अपनी ज़मीन से कैंप हटाए जाने की माँग पर डँटे हुए हैं. सिलगेर पंचायत के तीन गाँवों के अलावा आस-पास के कम से कम 40 गाँवों के लोग केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स (सीआरपीएफ़) की 153वीं बटालियन के कैंप के ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं. प्रदर्शनकारियों में शामिल अरलमपल्ली गांव के सोडी दुला कहते हैं, "सरकार कहती है कि सड़क बनाने के लिए पुलिस का कैंप बनाया गया है लेकिन इतनी चौड़ी सड़क का हम आदिवासी क्या करेंगे?" वो कहती हैं, "हमें हमारी सुविधा के लायक़ सड़क चाहिए, आंगनबाड़ी चाहिए, स्कूल चाहिए, अस्पताल चाहिए, हैंडपंप चाहिए. क्या इसके लिए पुलिस कैंप की ज़रुरत होती है?"More Related News