छत्तीसगढ़: इलाज में लापरवाही से हुई थी मौत, 7 साल बाद 4 डॉक्टर गिरफ्तार
AajTak
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बिलापुर के एक निजी अस्पताल में 29 वर्षीय युवक की मौत मामले में सात साल बाद शनिवार को कथित लापरवाही के आरोप में चार वरिष्ठ डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में 27 सितंबर को मेडिकोलीगल विशेषज्ञ की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक निजी अस्पताल में 29 वर्षीय युवक की मौत मामले में शनिवार को सात साल बाद कथित लापरवाही के आरोप में चार वरिष्ठ डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है. हालांकि बाद में उन्हें निजी मुचलके पर जमानत मिल गई. शनिवार को सरकंडा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर देवेन्द्र सिंह, राजीव लोचन भांजा, मनोज राय और सुनील केडिया को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
गलत इलाज करने का है आरोप
गुरवीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी की 26 दिसंबर 2016 को यहां अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी. अस्पताल द्वारा पुलिस को सौंपे गए नोट में दावा किया गया कि सेल्फोस पॉइजगिंग के कारण युवक की मौत हुई है. हालांकि, गुरवीन के रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टरों पर लापरवाही और गलत इलाज के कारण उसकी मौत होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. मृतक के पिता परमजीत सिंह छाबड़ा ने डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सीआईएमएस), जहां शव का पोस्टमार्टम किया गया था. साथ ही मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में इलाज के दौरान शुरुआत में लापरवाही की ओर इशारा किया है.
मेडिकोलीगल की रिपोर्ट के बाद दर्ज हुई FIR इस साल 27 सितंबर को पुलिस को 'मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट होम (पुलिस) विभाग, मेडिकोलीगल विशेषज्ञ और मेडिकोलीगल सलाहकार' से एक रिपोर्ट मिली, जिसमें डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही की बात सामने आई थी. इसके बाद पुलिस ने IPC की धारा 304 (ए) , 201 और 34 के तहत FIR दर्ज की. अधिकारी ने बताया कि मामले की अभी आगे की जांच जारी है.
पाकिस्तान में इमरान खान की अपील पर उनके समर्थक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे डी-चौक तक मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें कंटेनर लगाकर बीच में ही रोक दिया गया है. दरअसल, इस क्षेत्र में संसद, पीएम और राष्ट्रपति का कार्यालय, और सुप्रीम कोर्ट भी है. यहां से एक चौंका देने वाला वीडियो सामने आया है, जहां सेना के जवान ने नमाज पढ़ रहे एक शख्स को कंटेनर से नीचे फेंक दिया.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए सचिवालय में हाईलेवल बैठक बुलाई. इस दौरान भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों में NDRF और SDRF की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया. कुल 17 टीमों को तैनात किया गया है, इसमें चेन्नई, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कुड्डालोर और तंजावुर जिले शामिल हैं.
हिंदू संगठन 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोते' एक बयान में कहा कि वकील सैफुल इस्लाम की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं है. एक समूह सुनियोजित हत्या को अंजाम देकर सनातनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. हिंदू संगठन ने चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल बिना शर्त रिहाई और चिटगांव हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है.