छत्तीसगढ़ः सीआरपीएफ़ जवानों ने बताया क्या हुआ था नक्सल हमले के दिन - ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
घायल जवानों ने बताया छत्तीसगढ़ में कैसे उनकी टुकड़ी रात भर चलती रही और अगले दिन माओवादियों ने अचानक उन्हें घेर लिया.
"एसआई साहब थे हमारे. उनके पास ही में आकर ग्रेनेड गिरा और उसका छर्रा उनके पांव में लग गया. पैर में से ब्लीडिंग बहुत ज़्यादा होने लग गई थी और वे दर्द से चिल्ला रहे हैं कि कोई पट्टी बांधो, कुछ कीजिए ताकि ख़ून बहना रुक जाए किसी तरह से. फर्स्ट एड को बुला रहे थे लेकिन फर्स्ट एड के एसटीएफ़ के जवान पहले से ही घायल थे. उनकी मरहम पट्टी की जा रही थी. इतने में ये दर्द से बहुत चिल्ला रहे थे तो मैंने अपनी पगड़ी फाड़ी और उसकी पट्टी बना कर उनके पांव में बांध दी." सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवान बलराज सिंह की आँखों में, शनिवार को बीजापुर में हुए माओवादी हमले की जैसे सारी तस्वीरें एक साथ घूम जाती हैं. बीजापुर के तर्रेम में हुए इस माओवादी हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान मारे गये थे. इसके अलावा 31 घायल जवानों को बीजापुर और रायपुर के अस्पतालों में भर्ती किया गया था. इन्हीं घायल जवानों में एक हैं बलराज सिंह. रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती बलराज सिंह के पेट में गोली लगी थी. लेकिन इलाज के बाद अब वे ख़तरे से बाहर हैं. उनकी बहादुरी के चर्चे सब तरफ़ हैं. राज्य के विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज ने अस्पताल पहुँच कर बलराम को एक पगड़ी भी भेंट की है.More Related News