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छत्तीसगढ़ः वन्यजीव संस्थान की चेतावनियों के बावजूद अडानी समूह को मिली कोयला खनन की मंज़ूरी
The Wire
परसा पूर्व व केटे बेसन कोयला ब्लॉक पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का स्वामित्व है और इसका संचालन अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा किया जाता है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति की 28 अक्टूबर की बैठक में राज्य सरकार ने समिति के समक्ष इसे तत्काल मंज़ूरी देने का अनुरोध किया था.
नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ सरकार भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की जैव विविधता रिपोर्ट के बावजूद परसा पूर्व और केटे बेसन कोयला ब्लॉक में दूसरे चरण के खनन की मंजूरी पर जोर दे रही है. दरअसल डब्ल्यूआईआई ने इस रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य कोयला क्षेत्र (एचएसीएफ) के जंगलों को नो गो क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परसा पूर्व और केटे बेसन (पीईकेबी) कोयला ब्लॉक पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का स्वामित्व है और इसका संचालन अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा किया जाता है और यही इसका आधिकारिक खनन डेवलेपर एंड ऑपरेटर भी है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (एफएसी) की 28 अक्टूबर की बैठक में राज्य सरकार ने समिति के समक्ष इसे तत्काल मंजूरी देने का अनुरोध किया था और समिति ने राज्य सरकार की ओर दायर मंजूरी याचिका के लिए तत्काल अनुरोध का विश्लेषण किया था.
दरअसल एफएसी ने 1,136 हेक्टेयर में फैले पीईकेबी कोयला ब्लॉक के दूसरे चरण के लिए वन भूमि डाइवर्जन पर चर्चा की थी.