छत्तीसगढ़ः गाय के गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर विधानसभा पहुंचे CM बघेल, पेश किया बजट
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छत्तीसगढ़ में ये मान्यता है कि गोबर मां लक्ष्मी का प्रतीक है. छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों में घरों को गोबर से लीपने की परंपरा रही है. इसी से प्रेरणा लेते हुए स्व सहायता समूह ने गोमय ब्रीफकेस बनाया है.
पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल (Bhupendra Singh Baghel) विधानसभा में गाय के गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर पहुंचें. विधानसभा के बजट सत्र के लिए खास तौर पर इस ब्रीफकेस को गोबर के पाउडर से तैयार किया गया है.
नगर निगम रायपुर के गोकुल धाम गोठान में काम करने वाली एक महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने गोबर एवं अन्य उत्पादों के इस्तेमाल से इस ब्रीफकेस का निर्माण किया है और इसी ब्रीफकेस में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में बजट पेश किया. भारत के इतिहास में यह पहला बजट है जो गोबर के ब्रीफकेस में रखा गया था और सीएम उसी ब्रीफकेस को लेकर विधानसभा पहुंचे.
क्या है ब्रीफकेस की खासियत इस ब्रीफकेस की खासियत ये है कि इसे गोबर पाउडर, चुना पाउडर, मैदा लकड़ी एवं ग्वार गम के मिश्रण से बनाया गया है. इस एक ब्रीफकेस को बनाने में कारीगरों की 10 दिनों की कड़ी मेहनत लगी है. छत्तीसगढ़ के बजट के लिए खास तौर पर तैयार किए गए इस ब्रीफकेस के हैंडल को आर्ट कारीगरों से तैयार करवाया गया है.
गोबर से ही क्यों बनाया गया ब्रीफकेस? छत्तीसगढ़ में गोबर को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. छत्तीसगढ़ में त्योहारों पर घरों को गाय के गोबर से लीपने की परंपरा रही है. इसी से प्रेरणा लेते हुए इस खास ब्रीफकेस का निर्माण किया गया है, ताकि मुख्यमंत्री के हाथों इस ब्रीफकेस से छत्तीसगढ़ के हर घर में बजट रूपी लक्ष्मी का प्रवेश हो और छत्तीसगढ़ का हर नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें.
बता दें कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि गोबर से किसी ऐसी चीज का निर्माण भी किया जा सकता है जो किसी के काम आ सके. छत्तीसगढ़ में गाय के गोबर से बनने वाला पेंट काफी मशहूर है.
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