
चुनाव के दौरान इतना कैश लेकर की यात्रा, तो हो सकती है कार्रवाई, इमरजेंसी के लिए कौन से कागजात साथ रखना जरूरी?
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हर चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन कई विभागों को लंबा निर्देश भेजती है कि वे नगदी, ज्वैलरी, शराब, ड्रग्स और किसी भी कीमती चीज के आने-जाने पर नजर रखें. उम्मीदवार अक्सर इनके जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश करते हैं. लेकिन कई बार आम नागरिक भी भारी कैश लाते- ले जाते जांच में फंस जाते हैं. तब क्या होता है?
लोकसभा चुनावों के एलान के साथ 16 मार्च से आचार संहिता लग चुकी. अब पुलिस, इनकम टैक्स विभाग, रेलवे से लेकर एयरपोर्ट तक सारी एजेंसियां खास सर्तक रहेंगी कि कहीं उनके आसपास या नाक के नीचे से भारी नगदी या शराब जैसी चीजें तो नहीं निकल रहीं, जिनसे वोटरों की सोच पर असर डाला जा सके. अगर ऐसा कुछ पता लगे तो चुनाव आयोग उस रकम को कब्जे में ले लेता है, और बाद में सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता है. हालांकि आम नागरिकों के लिए कुछ अलग नियम हैं.
कुछ ही दिनों पहले तमिलनाडु से एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस ने एक टूरिस्ट कपल से लगभग 70 हजार रुपए बरामद किए. मामला संदेहास्पद न दिखने पर पैसे वापस सौंप दिए गए. लेकिन इस बीच ये बात उठी कि राजनैतिक पार्टियों पर तो पाबंदी है, लेकिन चुनाव के दौरान आम लोग क्या करते हैं. उन्हें पैसे या कीमती गहनों का लेनदेन करते हुए कितना सतर्क रहने की जरूरत है?
ऐसे तैयार होता है दस्ता
चुनाव से पहले ईसी सारी एनफोर्समेंट एजेंसियों को सचेत रहने की सलाह देता है. साथ ही हर जिले के लिए ऐसी टीमें बनती हैं, जो खर्चों पर नजर रखें. इसके अलावा स्टेटिक सर्विलांस टीम और फ्लाइंग स्क्वाड भी होते हैं. जिले का मजिस्ट्रेट फ्लाइंग स्क्वाड का अधिकारी होता है. हरेक टीम के पास एक गाड़ी होती है, जो चौबीसों घंटे उन्हीं के काम पर रहती है. अधिकारियों को वे सारे उपकरण और जरूरी अधिकार मिलते हैं जो अवैध रकम या शराब या ड्रग्स को सीज करने के लिए जरूरी हैं.
कैसे होता है निगरानी का काम मान लीजिए कि किसी अधिकारी को कोई सूचना मिली कि फलां सड़क से अवैध चीजें जा रही हैं, जिनका चुनाव में इस्तेमाल होने वाला है. टिप-ऑफ के साथ ही निकटस्थ सर्विलांस दस्ता तुरंत वहां पहुंच जाएगा. वो वाहनों की चेकिंग को वीडियोग्राफ भी करता रहेगा, जिससे बाद में सबूत दिए जा सकें. वैसे टिप-ऑफ न मिलने पर भी रास्तों में चेकपोस्ट बनाए जाते हैं. ये चुनाव की तारीख के एलान के तुरंत बाद बन जाते हैं, लेकिन पोलिंग से 72 घंटे पहले निगरानी काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

गोरखपुर (Gorakhpur) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अलग अंदाज में फूलों और गुलाल से होली मनाई. भगवान नरसिंह जी की भव्य शोभायात्रा में शामिल होकर उन्होंने सनातन धर्म, एकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश दिया. सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म सत्य और विजय का प्रतीक है, जहां धर्म होगा, वहीं जीत होगी.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

झारखंड के पलामू में हुए एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया है. अनमोल ने अमन को अपना भाई बताते हुए लिखा कि जल्द ही सबका हिसाब होगा. अनमोल बिश्नोई पहले से ही मुंबई के बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग मामले में वांटेड है.

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महाराष्ट्र के पालघर में एक सूटकेस से महिला का कटा हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई. यह घटना पिरकुंडा दरगाह के पास हुई, जहां कुछ स्थानीय बच्चों ने लावारिस सूटकेस को देखा था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जो सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है.

लद्दाख के कारगिल में शुक्रवार तड़के 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 2:50 बजे आया और इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी. झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद खुल गई और कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.