
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र कॉलेजियम के गठन की मांग को लेकर याचिका
The Wire
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में केवल कार्यपालिका अकेली प्रतिभागी नहीं हो सकती, क्योंकि इससे सत्तारूढ़ दल को अपने प्रति निष्ठावान किसी अधिकारी को चुनने का विशेषाधिकार मिल जाता है.
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अकेले कार्यपालिका द्वारा करने के चलन की संवैधानिक वैधता को चुनाव अधिकार समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा कि इससे चुनाव आयोग की तटस्थता को लेकर आशंका पैदा होती है. संस्था ने निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ और स्वतंत्र कॉलेजियम/चयन समिति बनाने की भी मांग की. याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में केवल कार्यपालिका अकेली प्रतिभागी नहीं हो सकती, क्योंकि इससे सत्तारूढ़ दल को अपने प्रति निष्ठावान किसी अधिकारी को चुनने का विशेषाधिकार मिल जाता है. उन्होंने कहा कि ये प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 324(2) से मेल नहीं खाती है. जनहित याचिका में कहा गया है कि लोकतंत्र संविधान के मौलिक ढांचे का एक पहलू है और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने एवं देश में स्वस्थ लोकतंत्र बनाकर रखने के लिए निर्वाचन आयोग को राजनीतिक और शासन के हस्तक्षेप से बचाकर रखना होगा.More Related News