चुनावों की अनुमति के घातक परिणामों के आकलन में विफल रहे चुनाव आयोग, बड़े कोर्ट और सरकार: कोर्ट
The Wire
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की लचर तैयारियों पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जब सरकार शहरों में ही कोरोना को नियंत्रित करने की जद्दोजहद कर रही है, तो ऐसे में गांव में कोरोना टेस्टिंग और इलाज काफी मुश्किल काम होगा.
नई दिल्ली/इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग, उच्चतर न्यायालयों और सरकार उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव और कुछ राज्यों में चुनावों की अनुमति देने के घातक विनाशकारी परिणामों का आकलन या इसकी गहराई का पता लगाने में विफल रहे हैं. लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की एकल पीठ ने कहा कि कोविड-19 का आकलन सही से नहीं किया गया, जिसके चलते ये जानलेवा वायरस पूरे राज्य में फैल गया है. उन्होंने कहा कि ये बीमारी पहली लहर में गांवों तक नहीं पहुंची थी, लेकिन दूसरी लहर में गांव भी इसके शिकार बन रहे हैं. इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को 135 चुनाव अधिकारियों की मौत को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि चुनाव के दौरान कोरोना नियमों का पालन नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने अब उच्चतर न्यायालयों को भी कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है.More Related News