चुनावी बॉन्ड योजना में संशोधन, अब विधानसभा चुनाव वर्षों में अतिरिक्त 15 दिन बेचे जाएंगे बॉन्ड
The Wire
मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना,2018 में एक संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के चुनावों के वर्ष में बॉन्ड की बिक्री 15 अतिरिक्त दिन और होगी. कई राज्यों में चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस क़दम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने विवादास्पद चुनावी बॉन्ड योजना-2018 में संशोधन किया है, जबकि गुमनाम राजनीतिक दान की अनुमति देने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 6 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना बाकी है. Centre amends Electoral Bonds scheme to add a period of 15 more days for purchase of bonds in the year of assembly elections. pic.twitter.com/zeagWKRAS2 Yet another tranche of Electoral Bonds on eve of Gujarat polls. 2018 legislation had notified 4 tranches annually. Now for every assembly poll even as SC is to hear challenges to its Constitutional validity on Dec 6. Legalising political corruption must end. Scrap Electoral Bonds pic.twitter.com/sR6xfIAOE4
वित्त मंत्रालय ने 7 नवंबर को ‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के आम चुनावों के वर्ष में’ बॉन्ड की बिक्री के लिए ’15 दिनों की अतिरिक्त अवधि’ प्रदान करने के लिए योजना में संशोधन के लिए एक अधिसूचना जारी की है. — Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) November 7, 2022 — Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 8, 2022
इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किए जाने पर बॉन्ड आम तौर पर जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में दस-दस दिनों की अवधि के लिए ब्रिकी के लिए उपलब्ध होते हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है.
मूल योजना में प्रावधान था कि लोकसभा चुनाव वाले वर्ष में बॉन्ड बिक्री के लिए 30 अतिरिक्त दिन प्रदान किए जाएंगे, जबकि नए संशोधन में 15 दिन और जोड़ दिए गए हैं.