चीफ़ जस्टिस रमन्ना पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों के सामने बोले- सभी अपनी 'लक्ष्मण रेखा' का ख़याल रखें
BBC
चीफ़ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि संविधान में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की ज़िम्मेदारियों को विस्तार से बांटा गया है.
भारत के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि कई बार कोर्ट के फ़ैसले सरकार सालों साल तक लागू नहीं करती. जानबूझ कर कोर्ट के ऑर्डर पर कार्रवाई ना करना देश के लिए ठीक नहीं है. कई बार कानून विभाग की सुझाव और राय को एक्जीक्यूटिव नज़रअंदाज़ करके फ़ैसले ले लेते हैं.
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 11वें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायधीशों की कॉन्फ्रेंस में देश के चीफ़ जस्टिस ने ये बात कही.
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजीजू, राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट के जस्टिस, ट्रिब्यूनल के प्रमुख और तमाम न्यायिक अधिकारी शामिल हुए.
मंच से अपनी बात रखते हुए जस्टिस रमन्ना ने कहा, "संविधान में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की ज़िम्मेदारियों को विस्तार से बांटा गया है. हमें अपनी 'लक्ष्मण रेखा' का ख्याल रखना चाहिए. अगर गवर्नेंस का कामकाज कानून के मुताबिक़ हो तो न्यायपालिका कभी उसके रास्ते में नहीं आएगी. अगर नगरपालिका, ग्राम पंचायत अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करें, पुलिस उचित तरीके से केस की जांच करे और ग़ैर-क़ानूनी कस्टोडियल प्रताड़ना या मौतें ना हों तो लोगों को कोर्ट आने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी."