चीन से तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश को क्या दी नसीहत - प्रेस रिव्यू
BBC
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहां और क्यों बांग्लादेश को दी ये सलाह. पढ़िए आज के अख़बारों की अहम ख़बरें.
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने एक बार फिर से चीन पर इशारों में निशाना साधा है. उन्होंने अपने बांग्लादेशी समकक्ष से कहा कि कर्ज़ चाहने वाले देशों को अव्यावहारिक परियोजनाओं के बारे में दोबारा सोचने की ज़रूरत है. अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने सवाल किया था कि क्या क्वॉड भी उसी तरह से आर्थिक मदद मुहैया करवा सकता है, जैसेकि चीन देता है. इस पर एस. जयशंकर ने कहा कि कर्ज़ चाहने वाले देशों को खाली पड़े हवाई अड्डों और बंदरगाहों जैसी परियोजनाओं की चिंता करनी चाहिए.
म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्ऱेंस के दौरान शनिवार को विदेश मंत्री ने ये भी कहा था कि भारत और चीन के रिश्ते मुश्किल दौर में हैं. सीमा की दशा ही दोनों देशों के रिश्तों की दिशा को तय करेगी.
हिंद प्रशांत क्षेत्र के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर एस. जयशंकर बोले, "हमने देखा कि हमारे क्षेत्र (एशिया) सहित कई देश बड़े-बड़े कर्ज़ में डूबे हुए हैं. हमने ऐसी परियोजनाएं देखी हैं जो व्यावसायिक रूप से किसी काम की नहीं. हवाई अड्डे, जहां एक विमान नहीं आता है, बंदरगाह जहां एक जहाज़ नहीं आता."
विदेश मंत्री का ये बयान सीधे तौर पर श्रीलंका की ओर इशारा कर रहा था. दरअसल, चीन से मोटा कर्ज़ लेकर श्रीलंका ने हंबनटोटा पोर्ट और मताला एयरपोर्ट का निर्माण किया, लेकिन कर्ज़ न लौटा पाने की वजह से श्रीलंका, बीजिंग को ये दोनों ही जगहें 99 साल की लीज़ पर देने को विवश हो गया.