चीन में एप्पल का कारोबार और उससे जुड़े बड़े सवाल
BBC
एप्पल के ऐप स्टोर पर नज़र रखने वाले ग्रुप 'एप्पल सेंसरशिप' का कहना है कि इस महीने हटाए गए ऐप्स की संख्या में वृद्धि हुई है. इन हालात में ये सवाल पैदा होता है कि आख़िर चीन में चल क्या रहा है?
एक वक़्त था कि जब अमेरिका की तमाम बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां चीन में कारोबार कर रही थीं. यहां तक कि उनमें फ़ेसबुक भी था.
आज चीन में एप्पल की जो व्यापक स्तर पर मौजूदगी है, उस पर सबकी नज़र रहती है. पिछले हफ़्ते माइक्रोसॉफ़्ट ने एलान किया कि वो अपनी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट लिंक्डइन का कामकाज चीन में बंद कर रही है.
हालांकि माइक्रोसॉफ़्ट चीन में कारोबार करती रहेगी. लेकिन लिंक्डइन का कामकाज रोकने के फ़ैसले पर माइक्रोसॉफ़्ट का कहना है कि चीन सरकार की नीतियों के साथ तालमेल बिठा पाना कंपनी के लिए लगातार मुश्किल होता जा रहा था. एप्पल के साथ भी चीन में सेंसरशिप को लेकर अपनी समस्याएं हैं.
बीबीसी ने पिछले हफ़्ते ये रिपोर्ट दी थी कि चीन में दो लोकप्रिय धार्मिक ऐप को एप्पल के ऐप स्टोर से हटा दिया गया था. बाद में ये बात सामने आई कि अमेज़न का ऑडिबल ऐप और याहू फिनांस ऐप भी एप्पल के ऐप स्टोर से हटा दिया गया है.
एप्पल के ऐप स्टोर पर नज़र रखने वाले ग्रुप 'एप्पल सेंसरशिप' का कहना है कि इस महीने हटाए गए ऐप्स की संख्या में वृद्धि हुई है. इन हालात में ये सवाल पैदा होता है कि आख़िर चीन में चल क्या रहा है?