चीन ने परमाणु सौदा तुड़वाने के लिए लेफ़्ट पार्टियों का इस्तेमाल करना चाहा था: विजय गोखले - प्रेस रिव्यू
BBC
पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि चीन ने लेफ़्ट पार्टियों के ज़रिए अमेरिका के साथ परमाणु सौदा तुड़वाना चाहा था. पढ़ें, आज के अख़बारों की प्रमुख सुर्ख़ियां.
पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले ने दावा किया है कि 2007 और 2008 के बीच भारत-अमेरिका परमाणु सौदे के दौरान चीन ने भारत में लेफ़्ट पार्टियों के साथ 'क़रीबी संबंधों' का इस्तेमाल करके 'घरेलू विपक्ष तैयार' कर रखा था. अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, इस बात का दावा विजय गोखले ने अपनी नई किताब 'द लॉन्ग गेम: हाउ द चाइनीज़ नेगोशिएट विद इंडिया' में किया है. संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) रहते हुए गोखले 2007-2009 के दौरान विदेश मंत्रालय में चीन के मामले देख रहे थे. इस दौरान भारत की समझौते पर बात चल रही थी और उसे न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में बीजिंग के राज़ी होने के बाद छूट मिल गई थी. 39 साल के अपने राजनयिक करियर में गोखले ने 20 साल चीन पर काम किया. वो चीनी मंदारिन भाषा में भी दक्ष हैं. इस दौरान वो सात साल विदेश मंत्रालय में चीन डेस्क पर और सात साल पूर्वी एशिया डेस्क पर रहे. वो चीन में भारत के राजदूत भी रहे और चीन पर नज़र रखने वालों में उन्हें देश का सबसे बड़ा ज्ञाता माना जाता है. जनवरी 2018 में एस. जयशंकर की जगह उन्होंने विदेश सचिव की ज़िम्मेदारी संभाली और पिछले साल रिटायर हुए.More Related News