
चीन को यूरोप का एक छोटा सा देश ऐसे दे रहा है चुनौती
BBC
चीन ने अपने व्यापार और निवेश के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए मध्य और पूर्वी यूरोप के देशों के साथ एक फ़ोरम बनाया था, लेकिन अब एक छोटा सा देश इसे दे रहा है चुनौती.
यूरोप के एक छोटे देश लिथुआनिया ने चीन की अगुआई वाले सीईईसी (चीन और मध्य-पूर्वी यूरोपीय देशों के बीच सहयोग) से अलग होने का फ़ैसला किया है. 28 लाख से भी कम आबादी वाले लिथुआनिया के इस फ़ैसले को सीधे-सीधे चीन को चुनौती देना माना जा रहा है. वर्ष 2012 में चीन ने ये सहयोग फ़ोरम बनाया था. इसे 17+1 भी कहा जाता है. लिथुआनिया ने न सिर्फ़ अपने को इस फ़ोरम से अलग किया है, बल्कि बाक़ी सदस्य देशों से भी हटने की अपील की है. चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ा, बना ईयू का सबसे बड़ा साझेदार चीन की धमकी, ब्लूमबर्ग के पत्रकार की गिरफ़्तारी उसका 'आंतरिक मामला' लिथुआनिया के विदेश मंत्री गेब्रिलियस लैंड्सबर्गिस ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, "लिथुआनिया अब इस फ़ोरम का सदस्य नहीं है और वो इस पहल में हिस्सा नहीं लेगा." उन्होंने इस प्लेटफ़ॉर्म को विभाजनकारी कहा. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को चीन के साथ मिलकर संवाद करना चाहिए.More Related News