चीन की बैसाखी के सहारे क्या तालिबान अफ़ग़ानिस्तान को संभाल लेगा?
BBC
कई देशों की सरकारें फ़िलहाल तालिबान से संबंध रखने में संकोच कर रही हैं. लेकिन चीन इसका अपवाद रहा है. क्या चीन अफ़ग़ानिस्तान को संभालने में तालिबान की मदद करेगा. इसमें उसका क्या फ़ायदा है.
ख़ैबर पास वो जगह है जिसने दुनिया के कई बड़े हमलावरों को अपने इलाके से गुज़रते देखा है. अफ़ग़ान बॉर्डर से पेशावर की घाटी को जोड़ने वाला 20 मील लंबा ख़ैबर पास डरावना, खड़ी ढाल वाला और बहुत जोख़िम भरा इलाक़ा है. तीन हज़ार साल तक अलग दौर में सेनाएं इस संकरी पथरीली घाटी से गुज़रने की कोशिश करती रहीं. इसकी घाटी में फ़ौजियों ने पड़ाव डाले. आप सड़क के किनारे आज भी ब्रितानी दौर के सैनिक प्रतीक चिह्न देख सकते हैं. इन्हें आज के दौर में भी बड़ी एहतियात के साथ बरकरार रखा गया है. सड़कों पर ऊपर बने क़िलों से निगरानी रखी जाती थी और उसकी हिफ़ाज़त की जाती थी. ऊपर, चट्टानों पर बैठे हथियारबंद पश्तून कबायली यहां से गुज़रने वाले सैनिकों पर अचूक निशाना लगा सकते थे. उनके हाथों में लंबी बैरल वाली जेज़ैल (एक तरह की बंदूक़) या फिर फ़्लिंटलॉक राइफ़लें हुआ करती थीं. अब इन घुमावदार रास्तों से ट्रक गुजरते हैं. उन पर अफ़ग़ानिस्तान के कृषि उत्पाद होते हैं. कई बार लोग इन ट्रक वालों से लिफ़्ट ले लेते हैं. इन रास्तों से तस्करी का सामान भी गुज़रता है.More Related News