
चीन अमेरिका से क्या खरीदता है और क्या बेचता है, 125% टैरिफ का क्या होगा असर? समझिए पूरा खाता-बही
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के बाद प्रोडक्ट की कीमत बढ़ जाएगी. ट्रंप ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसका मतलब यह है कि अब जो भी अमेरिकी बिजनेसमैन चीन से सामान मंगाएंगे उसकी कीमत में 125 फीसदी का इजाफा हो जाएगा. अगर चीन में बना एक सामान अमेरिकी बिजनेसमैन को पहले 1 लाख रुपये में मिलता था तो अब टैरिफ लगाने के बाद उसकी कीमत 2.25 लाख रुपये हो जाएगी.
अमेरिका और चीन के बीच का टैरिफ वॉर खुलकर सामने आ चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने दांव बदल रहे हैं. चीन भी पीछे से ही सही लेकिन बराबर की टक्कर दे रहा है. बुधवार को ट्रंप ने चीन से अमेरिका आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट पर टैरिफ की सीमा बढ़ाकर 125 परसेंट कर दी. इससे पहले ट्रंप चीन पर 104 परसेंट टैरिफ लगा रहे थे.
ट्रंप ने ये फैसला तब किया जब चीन ने अमेरिका से इंपोर्ट किए जाने वाले प्रोडक्ट पर 84 फीसदी टैरिफ लगा दिया था.
बता दें कि टैरिफ लगाने के बाद एक प्रोडक्ट की कीमत बढ़ जाती है. ट्रंप ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसका मतलब यह है कि अब जो भी अमेरिकी बिजनेसमैन चीन से सामान मंगाएंगे उसकी कीमत में 125 फीसदी का इजाफा हो जाएगा. अगर चीन में बना एक सामान अमेरिकी बिजनेसमैन को पहले 1 लाख रुपये में मिलता था तो अब टैरिफ लगाने के बाद उसकी कीमत 2.25 लाख रुपये हो जाएगी.
इससे इस प्रोडक्ट की कीमत अमेरिकी बाजार में काफी बढ़ जाएगी. इसका नतीजा ये हो सकता है कि लोग इस सामान का अमेरिकी या कोई और सस्ता विकल्प खरीदने पर मजबूर होंगे.
इसी तरह चीन का अमेरिकी प्रोडक्ट पर 84 फीसदी टैरिफ लगाने का मतलब यह है कि अब चीनी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादित वस्तुओं को खरीदने के लिए 84 फीसदी अधिक भुगतान करना होगा. यानी कि जो अमेरिकी सामान चीनी व्यापारी पहले 1 लाख में मंगाते थे इसके लिए उन्हें अब 1.84 लाख रुपये देना होगा.
अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार कितना है?

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