चीनी परमाणु हथियारों पर अमेरिकी आशंका, भारत के लिए क्या हैं मायने?
BBC
अमेरिकी सेटेलाइट तस्वीरों के आधार पर जिन्हें न्यूक्लियर मिसाइल फ़ील्ड कहा जा रहा है, चीन उन्हें पवन ऊर्जा संयंत्र बता रहा है.
पिछले कुछ दिनों से अमेरिका में इस बात को लेकर आशंका जताई जा रही है कि क्या चीन परमाणु मिसाइलों को स्टोर और लॉन्च करने की अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है. इस आशंका का आधार सेटेलाइट से ली गई वो ताज़ा तस्वीरें हैं जिनके ज़रिए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन पूर्वी शिनजियांग में एक बड़े इलाके में भूमिगत साइलो (स्टोरेज) बनाने के लिए सैकड़ों की तादाद में गड्ढे खोद रहा है. फ़ेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफ़एएस) नाम के एक संगठन ने इन सेटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि चीन शिनजियांग में एक नया परमाणु मिसाइल़ीफील्ड बना रहा है. अपनी वेबसाइट पर फ़ेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स ख़ुद को एक निष्पक्ष, ग़ैर-सरकारी संगठन बताता है जिसकी स्थापना 1945 में वैज्ञानिक मदद से राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए की गई थी. जुलाई की शुरुआत में ख़बरें आई थीं कि चीन गांसु प्रांत में युमेन के पास 120 मिसाइल साइलो का निर्माण कर रहा है. हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन का एक नया मिसाइल साइलो फ़ील्ड पूर्वी शिनजियांग में देखा गया है.More Related News