चार साल के संघर्ष के बाद तमिल परिवार को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने किया आज़ाद
BBC
इस परिवार ने चार साल से भी अधिक वक्त ऑस्ट्रेलिया के एक डिटेंशन सेंटर में बिताए. स्थानीय लोगों के लंबे संघर्ष और क़ानूनी लड़ाई से अब उनकी रिहाई संभव हो पाई है.
श्रीलंका के एक तमिल परिवार को ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड शहर में लौटने के लिए चार साल से अधिक वक्त की लड़ाई लड़नी पड़ी है.
ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार ने अब मुरुगप्पन परिवार को वीज़ा दिया है, जिसमें उन्हें अस्थायी रूप से बिलोएला शहर में रहने और काम करने की अनुमति दी गई है.
पहले सरकार ने इस तमिल परिवार के शरण मांगने के दावे को खारिज कर दिया था. जिसके बाद से (2018 से) ये परिवार इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में रह रहा था.
ऑस्ट्रेलिया में इस मामले को लेकर हंगामा खड़ा हो गया और बिलोएला में स्थानीय लोगों ने इस परिवार की वापसी के लिए अभियान चलाया.
विवादास्पद नीतियों के तहत ऑस्ट्रेलिया मुरुगप्पन जैसे देश में शरण मांगने वाले लोगों को अनिश्चितकालीन हिरासत में रख सकता है. सरकार के अनुसार इस दौरान वो परिवार के दावों का आकलन करती है या फिर उन्हें वापस भेजने के लिए कदम उठाती है.