चांद पर होने वाली है रात... एक-दो दिन में सुला दिए जाएंगे विक्रम और प्रज्ञान, ISRO चीफ का खुलासा
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Vikram Lander और Pragyan Rover एक-दो दिन में सोने वाले हैं. उन्हें ISRO सुला देगा. ये खुलासा इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग के बाद कही. उन्होंने कहा कि दोनों को सुलाया इसलिए जा रहा है ताकि 14-15 दिन बाद जब चांद पर सूरज फिर से उगे, तो ये दोनों फिर से एक्टिव होकर काम कर सकें.
Chandrayaan-3 को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ISRO अब विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को सुलाने वाला है. ये काम वो एक-दो दिन में कर देगा. ये बात कही है इसरो के प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने. उन्होंने आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग के बाद ये जानकारी दी.
चंद्रमा पर 5-6 तारीख तक अंधेरा छाने लगेगा. सूरज ढल जाएगा. फिर लैंडर और रोवर अगले 14-15 दिन तक रात में रहेंगे. यानी चांद की रात शुरू होने वाली है. लेकिन अभी चांद पर दिन है या रात. चंद्रयान-3 23 अगस्त 2023 की शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा गया. उस समय वहां पर सूरज उग रहा था.
इसरो की प्लानिंग थी कि चांद के जिस हिस्से पर लैंडर-रोवर उतरें, वहां अगले 14-15 दिनों तक सूरज की रोशनी पड़ती रहे. यानी अभी वहां पर दिन है. जो अगले चार-पांच दिन ही और रहेगी. उसके बाद अंधेरा होने लगेगा. सूरज की रोशनी लैंडर-रोवर पर नहीं पड़ेगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पहले ही बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करके सिस्टम बंद कर दिए जाएं. ताकि बाद में जरुरत पड़ने पर उन्हें फिर से ऑन किया जा सके.
अंधेरा हुआ तो फिर क्या होगा?
लैंडर और रोवर मे सोलर पैनल लगे हैं. वो सूरज से ऊर्जा लेकर चार्ज होते हैं. जब तक सूरज की रोशनी मिलेगी, उनकी बैटरी चार्ज होती रहेगी. वो काम करते रहेंगे. अंधेरा होने के बाद भी कुछ दिन या घंटे तक रोवर और लैंडर काम कर सकते हैं. ये उनके बैटरी की चार्जिंग पर निर्भर करता है. लेकिन इसके बाद वो अगले 14-15 दिनों के बाद सूरज उगने का इंतजार करेंगे. हो सकता है सूरज उगने के बाद वो फिर से एक्टिव हो जाएं. अगले 14-15 दिन काम करने के लिए.
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