चंबल की घाटी पर राज करने वाले ददुआ का बेटा चुनावी मैदान में, जानिए चित्रकूट का पूरा सियासी गणित
ABP News
यूपी के चुनाव में इस बार चित्रकूट की जनता क्या सोच रही है? इसको जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम चित्रकूट पहुंची. इस जिले में दो विधानसभा सीटें हैं.
उत्तर प्रदेश के सियासी समर में चार चरणों के लिए वोटिंग हो चुकी है, वहीं पांचवें चरण के लिए प्रचार थम गया है. यूपी की सियासत में चित्रकूट अहम स्थान रखता है. उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में राम भक्ति कूट-कूट कर भरी है. चित्रकूट का जब भी जिक्र होता है तो ददुआ का नाम जरूर आता है. ऐसे में हमने ये जानने की कोशिश की है कि क्या चंबल के डकैत ददुआ का तिलिस्म आज भी घाटी में जिंदा है, या यहां की जनता एक बेहतर भविष्य के सपने पर भरोसा कर रही है.
ददुआ एक ऐसा डकैत रहा जिसने जिसने तीन दशकों तक पूरी चम्बल की घाटी पर अपना राज कायम रखा. ददुआ डकैत था, जिसे सरकार ने खोज निकाला और फिर एनकाउंटर में मारा गया. चित्रकूट जिले में दो विधानसभा सीटें हैं. इस चुनाव में ददुआ के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है. चित्रकूट जनपद में नामांकन के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी से मानिकपुर 237 विधानसभा प्रत्याशी दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे और पूर्व विधायक वीर सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया. ददुआ के एनकाउंटर को 14 साल गुजर गए हैं, लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम पर सियासत खत्म नहीं हुई है.