![चंद कदम की दूरी से गुजरी मौत... मोरबी हादसे से ठीक पहले इस फैसले ने बचाई परिवार के 9 लोगों की जान](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202211/maora-sixteen_nine.jpg)
चंद कदम की दूरी से गुजरी मौत... मोरबी हादसे से ठीक पहले इस फैसले ने बचाई परिवार के 9 लोगों की जान
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गुजरात के मोरबी में हुए हादसे में करीब 134 लोगों की जान चली गई. इस हादसे के कारण छुट्टी पर ब्रिज घूमने आए कई परिवार के परिवार ही खत्म हो गए. इस घटना के बाद एक तरफ मोरबी समेत पूरे देश के लोग गमजदा है तो वहीं दूसरी तरफ 9 लोगों का एक परिवार ऐसा भी है, जो एक फैसले के कारण इस हादसे का शिकार होते-होते बच गया.
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे में करीब 134 लोगों की जान चली गई. इस हादसे के कारण छुट्टी पर ब्रिज घूमने आए कई परिवार के परिवार ही खत्म हो गए. घटना के बाद एक तरफ मोरबी समेत पूरे देश के लोग गमजदा है तो वहीं दूसरी तरफ 9 लोगों का एक परिवार ऐसा भी है, जो एक फैसले के कारण इस हादसे का शिकार होते-होते बच गया.
ये परिवार 40 साल के मेहुल रावल का है. मेहुल का परिवार भी बाकी लोगों की तरह रविवार को छुट्टी मनाने मोरबी के केबल ब्रिज पर पहुंचा था. उनके साथ उनकी बहन, भाई, उनके दो बच्चे, एक और बहन और बहन के पति के साथ 2 भांजे भी थे. ब्रिज पर काफी भीड़ होने के बाद भी सभी ने टिकट लेकर ब्रिज के उस पास जाने का फैसला किया था, लेकिन एक फैसले ने उन सभी की जान बच गई.
दरअसल, टिकट लेने के बाद किसी तरह मेहुल के परिवार ने केबल ब्रिज से गुजरना शुरू किया. अभी उनका परिवार ब्रिज के बीचोंबीच पहुंचा ही था कि भीड़ के कारण उनके परिवार के लोग काफी ज्यादा परेशानी महसूस करने लगे. परिवार के सभी लोगों ने बीच से ही वापस लौटने का फैसला किया. उनका परिवार ब्रिज के किनारे पर पहुंचने ही वाला था कि अचानक ब्रिज टूट गया और चीख-पुकार मच गई.
इस हादसे में मेहुल के साथ ही उनके परिवार के 2 और लोग घायल हुए हैं. तीनों ही एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं. मेहुल के दाहिने पैर में गंभीर चोट लगी है और अगले दो दिनों में उनके पैर का ऑपरेशन होना है. उनके साथ अस्पताल में परिवार के सभी 8 सदस्य मौजूद हैं. अस्पताल में भर्ती मेहुल ने बताया कि अगर उनका परिवार आधे रास्ते से वापस लौटाने का फैसला नहीं लेता तो शायद उनमें से कोई भी जिंदा नहीं बचता. उन्होंने आगे कहा कि किसी ने भी भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की.
सांसद के 12 रिश्तेदारों की जान गई
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं. राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे में मारे गए. कुंदरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए हैं.
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