ग्रोज़नी से अलेप्पो और यूक्रेन तक, प्रतिरोध दबाने के लिए रूस करता आया है भीषण बमबारी: ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
बीबीसी संवाददाता जेरेमी बोवेन बता रहे हैं कि ग्रोज़नी, अलेप्पो में उन्होंने रूस की रणनीति के बारे में क्या पाया? क्या ऐसी ही रणनीति रूस, यूक्रेन में भी अपना सकता है?
जिस वक़्त मैं ये लिख रहा हूं, उस वक्त तक कीएव और उसके उपनगरीय इलाक़ों में रूसी सेना नहीं पहुंच सकी है. सायरन और अलर्ट की आवाज़ बीच-बीच में थोड़े-थोड़े वक़्त पर सुनाई दे रही हैं.
सबको पता है कि स्थितियां कभी भी बदल सकती हैं.
यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़े शहर खारकीएव, रूसी सैनिकों के युद्ध के तरीक़े को देख चुका है. मारियुपोल और पूर्व के शहर भी इस ख़तरे को देख चुके हैं.
रूस, प्रतिरोध का जवाब भारी गोलीबारी से देता है. घर-घर लड़ने के लिए सैनिकों को भेजने की बजाय, रूस के सैन्य सिद्धांत में दुश्मनों को ख़त्म करने के लिए भारी पैमाने पर हथियारों और हवा से बमबारी का इस्तेमाल किया जाता है.
खारकीएव और दूसरे शहरों-कस्बों को गंभीर नुक़सान हुआ है, और जहां तक जानकारी है कि कई नागरिक हताहत हुए हैं. खारकीएव की स्थानीय सरकार को भी काफ़ी नुक़सान पहुंचा है. शायद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कीएव को संदेश दे रहे हैं- पूर्व की तरफ़ देखिए, क्योंकि ऐसा आपके साथ भी हो सकता है.