गोवा: कांग्रेस विधायक माइकल लोबो का दावा, पार्टी सही पावर दे तो 10 माह में दे सकता हूं सरकार को मात
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माइकल लोबो ने दावा किया कि अगर हाईकमान ने उन्हें सही पावर दीं तो वह दस माह में सरकार को मात दे देंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता का पद कोई औपचारिक पद नहीं है. राज्य सरकार के कामकाज पर नजर रखने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है.
कलंगुट से गोवा कांग्रेस विधायक माइकल लोबो के लिविंग रूम में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का चित्र है. लोबो ने कहा, “यह नेहरूजी की क्रिकेट खेलते हुए एक दुर्लभ तस्वीर है. मुझे यह कुछ दिन पहले किसी से मिला था और अब मैं इसे अपना कार्यालय में रखने का सोच रहा हूं." विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस विधायक ने यहां पहली बार इंडिया टुडे टीवी से अपनी भविष्य की योजनाओं और कांग्रेस पार्टी के लिए काम के बारे में अपने दिल की बात कही.
कांग्रेस जीत जाती तो लोबो को मिलता अहम मंत्रालय
उनके चेहरे पर गोवा में कांग्रेस की हार की मायूसी साफ झलक रही थी. यदि कांग्रेस पार्टी तटीय राज्य में सत्ता में आती, तो लोबो को एक आकर्षक मंत्रालय या उससे भी अधिक दिया जाता. उन्होंने कहा, “मुझे भाजपा से बाहर नहीं निकाला गया. वे चाहते थे कि मैं रुकूं और आखिरी मिनट तक कोशिश करते रहे. लेकिन मुझे पता था कि गोवा में कांग्रेस सत्ता में आ रही है और मैं समझ सकता था कि लोग बदलाव चाहते हैं. लोगों में इतना गुस्सा था फिर भी हम उस गुस्से को वोट में नहीं बदल सके. मैं बहुत निराश हूं."
विपक्ष के नेता के पद पर लोबो की नजर
सूत्रों का कहना है कि राज्य चुनाव से ठीक पहले लोबो ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिगंबर कामत से कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने की राह में कोई बाधा नहीं पैदा करेंगे बल्कि वे अपने लिए उपमुख्यमंत्री पद चाहते हैं. लेकिन अब जब भाजपा ने जीत हासिल कर ली है तो लोबो बेकार बैठने को तैयार नहीं हैं और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर नजर गड़ाए हुए हैं. लोबो खेमे का कहना है कि कामत को 2017 में मौके मिले थे और वे मौका चूक गए थे और अब समय आ गया है कि बदलाव लाने के इच्छुक नए नेतृत्व की ओर रुख किया जाए.
'पद की मांग नहीं करेंगे, लेकिन दौड़ में हैं'
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