गोलियों की गूंज से दहला सोनीपत, 2 अज्ञात बदमाशों ने की फायरिंग, एक शख्स की मौत
AajTak
सोनीपत का गोहाना मशहूर हवाई मातूराम की दुकान पर गोलियों की गूंज व्यापारियों के कानों में शांत भी नहीं हुई थी कि गांव बरोदा में एक बार फिर गोलियों की गूंज से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई. यहां के रहने वाले 44 साल के रमेश को दो अज्ञात बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी.
हरियाणा के सोनीपत का गोहाना एक बार फिर गोलियों की गूंज से दहल गया. गांव बरोदा के रहने वाले साल के रमेश को दो अज्ञात बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. सूचना पर गोहाना थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं, बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमों का गठन किया गया है.
सोनीपत का गोहाना हरियाणा के मशहूर हवाई मातूराम की दुकान पर गोलियों की गूंज व्यापारियों के कानों में शांत भी नहीं हुई थी कि गांव बरोदा में एक बार फिर गोलियों की गूंज से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई. गांव बरोदा के रहने वाले 44 साल के रमेश गांव के मेन चौक पर बैठकर ग्रामीणों के साथ ताश खेल रहे थे. इस दौरान बुलाने के लिए दो शख्स उनके पास गए.
ये भी पढ़ें- 2 करोड़ के लिए हलवाई की दुकान पर ताबड़तोड़ फायरिंग, भाऊ गैंग ने ली जिम्मेदारी
मृतक का किसा से कोई आपसी रंजिश नहीं
इसके बाद वहां से गांव के खेतों की तरफ रमेश को लेकर चले गए और उसी के तुरंत बाद रमेश पर 5 से 6 गोलियां दाग दी. मृतक के परिजनों का कहना है कि 12 बजे के करीब रमेश गांव के मेन चौक पर बैठकर ताश खेल रहा था. इस दौरान ही दो अज्ञात शख्स कहीं लेकर गए थे. रमेश खेती करता था और उसकी किसी के साथ कोई आपसी रंजिश भी नहीं थी.
मामले में डीसीपी ने कही ये बात
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.