
गोरखपुर में 87% से ज्यादा बच्चों को हुआ कोरोना: WHO-AIIMS सर्वे
The Quint
covid wave children: WHO और AIIMS की स्टडी का कहना है कि कोविड तीसरी वेव ‘अनुपातहीन तरीके से’ बच्चो को वयस्कों के मुकाबले ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी, who and aiims survey says covid third wave will not affect children disproportionately
WHO और AIIMS की एक जॉइंट स्टडी का कहना है कि तेजी से फैल रहे कोविड वैरिएंट की संभावित तीसरी वेव 'अनुपातहीन तरीके से' बच्चो को वयस्कों के मुकाबले ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी. सीरोप्रिवीलेंस स्टडी में पाया गया कि वायरस का सीरो-पॉजिटिविटी रेट बच्चों में ज्यादा है और व्यस्क आबादी के लगभग बराबर है. साथ ही इस सर्वे में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिनसे पता चला है कि कुछ जगह तो लगभग पूरी आबादी ही कोरोना संक्रमित हो गई थी. सीरोप्रिवीलेंस किसी पैथोजन के एक आबादी में स्तर को कहते हैं. सर्वे में पांच चुनिंदा राज्यों से 10,000 सैंपल लिए गए थे. मिडटर्म एनालिसिस में चार राज्यों के 4500 लोगों के डेटा का आकलन किया गया. अगले दो-तीन महीनों में और ज्यादा नतीजे आने की उम्मीद है.ADVERTISEMENTस्टडी में क्या देखा गया?अभी तक के सभी सीरो-असेसमेंट के मुकाबले इस स्टडी में सबसे ज्यादा सीरोप्रिवीलेंस दक्षिणी दिल्ली के शहरी इलाकों में पाया गया, जो कि 74.7 फीसदी है.AIIMS में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर और सर्वे की प्रमुखता करने वाले डॉ पुनीत मिश्रा ने कहा, "सेकंड वेव से दक्षिणी दिल्ली में पहले भी 18 साल से कम के बच्चों में सीरोप्रिवीलेंस 73.9 फीसदी था."ADVERTISEMENTडॉ मिश्रा ने कहा कि हो सकता है दिल्ली और एनसीआर (फरीदाबाद) के इन इलाकों में सेकंड वेव के बाद ज्यादा सीरोप्रिवीलेंस हो गया है और यही स्तर किसी ‘तीसरी वेव’ से सुरक्षा दे. गोरखपुर ग्रामीण में 2-18 आयु वर्ग में काफी ज्यादा सीरोप्रिवीलेंस 87.9 फीसदी देखने को मिला. जबकि 18+ में ये आंकड़ा 90.3 फीसदी था. स्टडी का मानना है कि ये स्तर 'तीसरी वेव' को रोक सकते हैं.सर्वे में पता चला है कि ग्रामीण इलाके काफी प्रभावित हुए हैं और हर्ड इम्युनिटी की संभावनाएं ज्यादा हैं.ADVERTISEMENTPublished: 18 Jun 2021, 10:46 AM IST...More Related News