गैंगस्टर जैसा प्रोफाइल, कम उम्र में किए मर्डर और अब रोडरेज कांड... दिल्ली का 'माया भाई' बनना चाहता था समीर
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उसके सिर पर डॉन बनने का भूत सवार था. सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ उसकी कई तस्वीरें और वीडियो देखी जा सकती हैं. कुछ तस्वीरें ऐसी हैं, जिनमें वो कभी एक हाथ से और कभी दोनों हाथों से पिस्टल चलाता हुआ दिख रहा है. कहीं फायरिंग कर रहा है तो कहीं सलाखों के पीछे नजर आता है.
यूपी के माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई को तीन नई उम्र के लड़कों ने सरेआम पुलिस अभिरक्षा के बीच गोलियों से भून डाला था. इस डबल मर्डर को अंजाम देने के लिए तीनों कातिलों ने फुलप्रूफ प्लानिंग की थी. मौका-ए-वारदात पर ही तीनों कातिल पकड़े गए थे. पुलिस की नाक के नीचे इस हत्याकांड के अंजाम देने वाले तीनों लड़कों से पूछताछ का लंबा दौर चला. जांच पड़ताल हुई. पुलिस उन तीनों के घरों तक पहुंची और साजिश को बेनकाब करने की कोशिश की. जब मामले की जार्चशीट दाखिल की गई तो पता चला कि अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे ना तो कोई साजिश थी और ना ही कोई डील. बल्कि तीनों लड़कों ने ये डबल मर्डर जुर्म की दुनिया में नाम और पहचान कमाने के लिए किए थे. ऐसी ही कुछ कहानी निकलकर आ रही है दिल्ली से. जहां डबल मर्डर की एक वारदात ने पुलिस को हैरत में डाल दिया है.
रोडरेज में कत्ल इससे पहले कि आपको माया गैंग और उसके सरगना के बारे में विस्तार से बताएं, पहले ये जान लेते हैं कि आखिर इस माया गैंग का नाम अचानक क्यों चर्चाओं में आया. तो इस कहानी का आगाज़ होता है दिल्ली के भजनपुरा इलाके से. जहां सुभाष विहार में 36 साल का हरप्रीत सिंह अपने मामा गोविंद सिंह के साथ मंगलवार को बाइक से कहीं जा रहा था. तभी भजनपुरा की एक संकरी गली में पांच लोगों के साथ रास्ते को लेकर उनका विवाद हो गया. इसी दौरान उन पांच लोगों में से एक युवक ने मामा-भांजे के सिर में गोली मार दी.
एक पीड़ित की हालत गंभीर इस हमले में हरप्रीत की तो मौका-ए-वारदात पर ही मौत हो गई. जबकि, उसके मामा गोविंद गंभीर रूप से घायल हो गए. वारदात को अंजाम देने के बाद सभी हमलावर युवक मौके से फरार हो गए. वहां मौजूद लोगों ने इस वारदात की इत्तिला फौरन पुलिस को दी. पुलिस कुछ देर बाद ही मौका-ए-वारादात पर जा पहुंची. एंबुलेंस की मदद से गोविंद को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने उसे दिलशाद गार्डन में मौजूद गुरुतेग बहादुर अस्पताल में रेफर कर दिया. फिलहाल वहीं गोविंद का इलाज चल रहा है.
दो हमलावर गिरफ्तार चश्मदीदों के मुताबिक, वो पांच हमलावर थे, जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया. भजनपुरा थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई गई और इसी के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. एक आरोपी समीर उर्फ माया भाई को सीमापुरी इलाके से गिरफ्तार किया. जबकि दूसरे आरोपी मालू को सिग्नेचर ब्रिज के पास से रात 2 बजे उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वो भागने की फिराक में था.
कौन है समीर उर्फ माया भाई? तो अब बात समीर उर्फ माया की, जिसे इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. माया ने अपने इंस्टाग्राम बायो में 'नाम बदनाम, पता कब्रिस्तान, उमर जीने की, शौक मरने का' लिख रखा है. समीर अपने गैंग को माया गैंग कहता है और खुद को 'माया भाई.' पुलिस को छानबीन में पता चला है कि जब माया भाई नाबालिग था, तब भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे. बताया जाता है कि नाबालिग रहते ही उसके खिलाफ कत्ल के तीन मामले दर्ज हो चुके थे.
दिल्ली का डॉन बनना चाहता है माया! ऐसा लगता है कि जैसे उसके सिर पर डॉन बनने का भूत सवार था. सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ उसकी कई तस्वीरें और वीडियो देखी जा सकती हैं. यही नहीं उसके इंस्टाग्राम पर कई ऐसे वीडियो भी हैं, जिनमें वो अपने साथियों के साथ सलाखों के पीछे बैठा दिखाई दे रहा है तो कुछ वीडियो और तस्वीरें ऐसी हैं, जिनमें वो कभी एक हाथ से और कभी दोनों हाथों से पिस्टल चलाता हुआ दिख रहा है. कभी कहीं छत पर खड़े होकर फायरिंग कर रहा है तो कभी घर की खिड़की से बाहर की तरफ गोलियां चला रहा है.
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