गैंगवार, शूटआउट और मर्डर... लॉरेंस के खास शूटर राजन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
AajTak
मंगलवार की देर शाम राजन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस को मिल गई. तीन डाक्टरों के पैनल और फॉरेंसिक एक्सपर्ट डा. जैनेश ने राजन की लाश का पोस्टमार्टम किया था. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राजन के सिर में दो गोलियां मारने के निशान मिले हैं.
हरियाणा के यमुनानगर जिले में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटर राजन की जली हुई लाश मिलने के बाद पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है. इसी दौरान बंबीहा गैंग ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर राजन की हत्या की जिम्मेदारी ली है. यही वजह है कि केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी पुलिस की टीम सोशल मीडिया भी खंगाल रही है. उसकी पोस्टमार्टम ने भी हैरान करने वाला खुलासा किया है.
तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम मंगलवार की देर शाम राजन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस को मिल गई. तीन डाक्टरों के पैनल और फॉरेंसिक एक्सपर्ट डा. जैनेश ने राजन की लाश का पोस्टमार्टम किया था. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राजन के सिर में दो गोलियां मारने के निशान मिले हैं. उसकी मौत सिर में गोलियां लगने से हुई. इसके बाद उसे हाथ-पैर बांधकर जलाया गया. लाश जलाने के लिए किस केमिकल का इस्तेमाल किया गया है? इसकी जांच के लिए चमड़ी के सैंपल लैब भेजे गए हैं.
यमुनानगर में मिली थी जली हुई लाश दरअसल, सोमवार को यमुनानगर में हमीदा हैड के समीप जंगल से कुरुक्षेत्र के लाडवा निवासी राजन की जली हुई लाश मिली थी. सूचना मिलने के बाद पुलिस स्टेशन सदर के एसएचओ जोगिंदर सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक राजन कैसे जला? और किसने जलाया? इस बारे गहनता से जांच की जा रही है. बताया जा रहा है की राजन के शव का केवल चेहरा ही बचा है, बाकी शरीर लगभग बुरी तरह से जल चुका है.
बंबीहा गैंग ने कहा- लॉरेंस गैंग के लिए गिफ्ट राजन की लाश मिलने के बाद सोशल मीडिया पर दविंद्र बंबीहा नामक एक पेज पर इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई है और मृतक राजन को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शूटर बताकर इसके कत्ल को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए एक गिफ्ट बताया गया है. पोस्ट में लिखा गया है की राजन ने उनके किसी साथी का कत्ल किया था और फरार चल रहा था. इसलिए राजन की पहले अच्छी तरह खातिरदारी की गई और फिर यमुनानगर के पास उसे गोलियां से भून दिया गया.
हत्या से जुड़े सभी पहलुओं की जांच इस बारे जब पुलिस अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने इस बारे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि सदर थाने के एसएचओ जोगिंदर सिंह ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट को भी जांच का हिस्सा बनाएंगे. पुलिस के आलाधिकारियों ने फोन पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है और बहुत जल्द हत्या का खुलासा किया जाएगा.
क्या बोले राजन के परिजन? राजन की मौसी के बेटे प्रिंस ने बताया कि राजन करीब 1 साल से घर से बाहर रह रहा था. वह कहां रहता था? क्या काम करता था? और किन लोगों के संपर्क में था? इस बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है. राजन की मौत की सूचना भी उन्हें पुलिस ने दी है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.