गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, मुश्ताक अहमद जरगर 'डेजिग्नेटिड टेररिस्ट' घोषित, 1999 में किया था IC-814 विमान का अपहरण
ABP News
गृह मंत्रालय के आला अधिकारी के मुताबिक साल 1991 में जरगर ने अपना खुद का आतंकवादी संगठन बनाया, जिसका नाम उसने अलवर मुजाहिदीन रखा.
Mushtaq Ahmed Zargar Designated Terrorist: आतंकवाद के खिलाफ कड़े निर्णय लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवादी संगठन उम्र मुजाहिदीन के प्रमुख कमांडर मुस्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम को आतंकवाद विशेष अधिनियम कानून के तहत डेजिग्नेटिड आतंकवादी घोषित कर दिया है गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों कुख्यात आतंकवादी सरगना हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को भी डेजिग्नेटिड आतंकवादी घोषित किया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि मुस्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम मूल का जम्मू कश्मीर के श्रीनगर इलाके का रहने वाला था. 1985 के दौरान वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया और घाटी में भारत के खिलाफ आतंकवादी काम करने लगा अपने ग्रुप के साथ मिलकर जरगर ने 12 दिसंबर 1989 को भारत के नवनियुक्त गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का अपहरण भी किया था. इस अपहरण के बाद आतंकवादियों ने पुलिस गिरफ्त में मौजूद अपने पांच साथियों की रिहाई की मांग की थी. इस अपहरण कांड को लेकर काफी हो-हल्ला मचा लेकिन सरकार को आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा तब कहीं जाकर रुबिया सईद की रिहाई हो सकी.