गूगल सर्च में मिले रेमडेसिविर के सौदागर, 30 हजार में बेच रहे थे नकली इंजेक्शन
AajTak
कोरोना काल में रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले दो शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों शातिर मोटी रकम में नकली रेमडेसिविर बेच रहे थे. इनके पास से 15 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं.
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ ही रेमडेसिविर की डिमांड भी बढ़ी हुई है. इस इंजेक्शन को खरीदेने के लिए लोग बड़ी कीमत चुका रहे हैं, तो वहीं दवा माफिया नकली इंजेक्शन बेचकर लोगों को लूट रहे हैं. ऐसे ही मामले का खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 15 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. 30 हजार में मिला इंजेक्शन दरअसल 5 मई को दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी, कि नांगलोई इलाके में कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लगे हुए हैं. नांगलोई के रहने वाले शिकायतकर्ता राहुल ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उसके चाचा कोरोना से संक्रमित थे. उनके लिए राहुल को गूगल पर सर्च के दौरान इंजेक्शन बेचने वालों से बातचीत हुई. बातचीत के बाद विक्रेताओं ने रोहिणी इलाके में राहुल को बुलाया और इंजेक्शन के 30 हजार रुपये ले लिए. इस से पहले की ये इंजेक्शन इस्तेमाल होता, राहुल के चाचा की मौत हो गयी.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.