गुजरात में हज़ारों करोड़ का कोयला घोटाला, राज्य सरकार पर उठे सवाल
The Wire
दैनिक भास्कर अख़बार की पड़ताल बताती है कि केंद्र सरकार की नीति के तहत लघु एवं मध्यम उद्योगों को सस्ती दरों पर बेचे जाने वाले कोयले को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियों ने कई गुना अधिक क़ीमत पर अन्य राज्यों के व्यापारियों को बेचा और दस्तावेज़ों में फ़र्ज़ी तरीके से दिखाया कि यह कोयला हितधारकों को मिला.
नई दिल्ली: गुजरात में एक बड़ा कोयला घोटाला सामने आया है, जिसके तहत गुजरात के सरकारी अफसरों ने डमी या अस्तित्वहीन कंपनियों के साथ मिलकर हजारों करोड़ रुपयों का कोयला राज्य के बाहर बेच दिया.
दैनिक भास्कर समूह के गुजराती अखबार दिव्य भास्कर की एक पड़ताल में सामने आया है कि कोल इंडिया की विभिन्न कोयला खदानों से गुजरात के लघु एवं मध्यम स्तर के उद्योगों को कोयला दिया जाना था, लेकिन राज्य सरकार ने इस काम के लिए जिन एजेंसियों को नामित किया था उन्होंने यह कोयला दूसरे राज्यों को बेचकर तगड़ा मुनाफा कमाया.
पड़ताल के मुताबिक, यह घोटाला पांच से छह हजार करोड़ रुपये का है और 14 सालों से चल रहा था.
अखबार का दावा है कि उसके द्वारा खंगाले गए दस्तावेजों से सामने आया है कि कोल इंडिया की खदानों से गुजरात के व्यापारियों को बाजार दर से कम मूल्यों पर बेचने के लिए 60 लाख टन कोयला भेजा गया. औसतन 3,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से इसकी कीमत 1,800 करोड़ रुपये होती है, लेकिन गुजरात के छोटे व्यापारियों को बेचने के बजाय इसे अन्य राज्यों में 8 से 10 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से बेच दिया गया.