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गुजरात: जब पत्रकार ने लिखा था हटाए जाएंगे रुपाणी,तो लगा दिया था राजद्रोह का केस
The Quint
Vijay Rupani Resigns |पत्रकार धवल पटेल ने गुजरात में लीडरशिप में बदलाव की संभावना पर लेख लिखा था. इसके बाद पटेल पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया. |Journalist Dhaval Patel wrote an article possibility of change in leadership, Patel charged with sedition.
गुजरात (Guajart) के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) के अचानक इस्तीफा देने के बाद लोग थोड़ा हैरत में हैं. लेकिन यहां सवाल ये है क्या ये इस्तीफा अचानक हुआ है? या इसकी पहले से भनक थी ? ये सवाल अब इसलिए पूछा जा रहा है, क्योंकि एक पत्रकार ने पहले ही रुपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की संभावना होने का दावा किया था. संबंधित लेख के बाद उस पत्रकार पर राजद्रोह का केस तक कर दिया गया था. अब जब विजय रुपाणी मुख्यमंत्री पद छोड़ चुके हैं तो पत्रकार की बात सही साबित हुई.मई 2020 में कोविड की पहली लहर के बीच, गुजराती समाचार वेब पोर्टल फेस ऑफ नेशन के संपादक धवल पटेल ने गुजरात में लीडरशिप में बदलाव की संभावना जताते हुए एक लेख लिखा था. इसके बाद पटेल पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया.हालांकि गुजरात हाई कोर्ट के सामने बिना शर्त माफी मांगने पर पिछले साल नवंबर में एफआईआर रद्द कर दी गई. लेकिन इससे पहले पटेल को 14 दिन न्यायिक हिरासत में बिताने पड़े. एफआईआर रद्द होने के बाद पटेल भारत से बाहर चले गए और शनिवार को जब रूपाणी ने इस्तीफा दिया तो उन्होंने इसे रिपोर्ट की 'पुष्टि' बताया.पटेल ने अपनी स्टोरी पर कहा था, "मैंने भरोसेमंद सूत्रों की पुष्टि और खुद से दोबारा तत्वों को जांचने के बाद ही लेख लिखा था, राजद्रोह का केस पत्रकारों पर दबाव डालने का एक तरीका है."ADVERTISEMENTपटेल की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते कोविड -19 मामलों को लेकर रूपाणी सरकार की आलोचना के कारण बीजेपी फेरबदल पर विचार कर रही थी. इसमें कहा गया था कि मंडाविया को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है इससे संकेत मिलता है कि वो रूपाणी की जगह ले सकते हैं.ADVERTISEMENT इस मामले में शिकायतकर्ता अहमदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (DCB) में तैनात सब-इंस्पेक्टर एस जे देसाई थे. इन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छपे लेख ने अफवाह फैलाने के साथ-साथ अशांति का माहौल पैदा किया है.पटेल पर डीसीबी ने 11 मई, 2020 को आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 (झूठी चेतावनी के लिए) के तहत मामला दर्ज किया था. उन्हें 14 मई को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने उन्हें मई में जमानत दे दी थी.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News