गुजरात चुनाव में पहले चरण की सीटों पर टिका है कांग्रेस का वजूद... पिछली बार बीजेपी को चटा दी थी धूल
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गुजरात विधानसभा में कांग्रेस का सारा दारोमदार पहले चरण के चुनाव पर टिका है. पहले चरण में 19 जिलों की 89 सीटों पर गुरुवार को मतदान है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 2012 की तुलना में 16 सीटों का फायदा हुआ था और 38 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 15 सीटों का नुकसान हुआ था. ऐसे में कांग्रेस के लिए पहला चरण अग्निपरीक्षा से कम नहीं है?
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों के लिए गुरुवार को मतदान होना है. कांग्रेस के लिए गुजरात में पहले चरण किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है, क्योंकि पिछले चुनाव में इन्हीं इलाके में बीजेपी को कांटे की टक्कर देने में सफल रही थी. पांच साल पहले कांग्रेस ने जितनी सीटें जीती थी, उसमें से आधी से ज्यादा सीटें इसी सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के इलाके की थीं. ऐसे में पार्टी को गुजरात में अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखना है तो बीजेपी से ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी से भी पार पाना होगा?
गुजरात में पहले चरण में 89 विधानसभा सीटों के लिए 788 कैंडिडेट्स मैदान में हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 89 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के 88, बसपा के 57, सपा के 12, बीटीपी के 14 और AIMIM के 6 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इस चरण में सौराष्ट-कच्छ और दक्षिण गुजरात की सीटों पर चुनाव है. पिछले चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की थी तो दक्षिण गुजरात में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था.
सौराष्ट्र में कांग्रेस और दक्षिण में बीजेपी जीती थी
पहले चरण में गुजरात के जिन 89 सीटों पर चुनाव है, उन सीटों पर 2017 के चुनावी नतीजे को देखें तो बीजेपी 48, कांग्रेस 38, बीटीपी 2 और एनसीपी एक सीट जीतने में कामयाब रही थी. क्षेत्रीय आधार पर देखें तो सौराष्ट्र-कच्छ में 54 सीटें है, जिनमें से कांग्रेस 28 सीटें, बीजेपी 20 और अन्य दलों को तीन सीटें मिली थीं. दक्षिण गुजरात इलाके में 35 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी 27 और कांग्रेस आठ सीटें जीती थी.
बीजेपी को नुकसान और कांग्रेस को फायदा
पांच साल पहले गुजरात की कुल 182 सीटों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं. इनमें से सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात इलाके की 38 सीटें थीं जबकि 2012 के चुनाव में कांग्रेस को 22 सीटें, बीजेपी को 63 और अन्य को 4 सीटें मिली थीं. ऐसे में कांग्रेस को 2012 की तुलना में 2017 में 16 सीटों का फायदा मिला था और बीजेपी को 15 सीटों का नुकसान. हालांकि, इस बार सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने के बजाय लड़ाई त्रिकोणीय है. आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है.
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