गुजरात: अमेरिका से आए इंजीनियर, आर्किटेक्ट सहित 58 युवकों ने संन्यास ग्रहण किया
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एक वास्तुकार समेत 58 शिक्षित युवकों ने मंगलवार को संन्यास ले लिया. बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख महंत स्वामी महाराज ने एक भव्य दीक्षा समारोह में उन्हें संप्रदाय के मठ व्यवस्था में दीक्षित किया. सभी लोगों में छह ने पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है, 30 इंजीनियर हैं, 19 अन्य क्षेत्रों में स्नातक हैं, दो ने एमबीए किया है और एक व्यक्ति आर्किटेक्ट है.
अहमदाबाद के स्वामी महाराज नगर में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (BAPS) संस्था से जुड़कर इंजीनियरों और एक वास्तुकार समेत 58 शिक्षित युवकों ने मंगलवार को संन्यास ले लिया. बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख महंत स्वामी महाराज ने एक भव्य दीक्षा समारोह में उन्हें संप्रदाय के मठ व्यवस्था में दीक्षित किया.
BAPS संस्था स्वामीनारायण संप्रदाय के भीतर एक हिंदू संप्रदाय है. इससे जुड़े सभी लोगों में छह ने पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है, 30 इंजीनियर हैं, 19 अन्य क्षेत्रों में स्नातक हैं, दो ने एमबीए किया है और एक व्यक्ति आर्किटेक्ट है.
अमेरिका से भी आए है युवक इन युवाओं ने घर की सुख-सुविधाओं और करियर को छोड़कर ये राह अपनाई है. युवक भारत और दुनिया भर से आए हैं, जिनमें अमेरिका से पांच, महाराष्ट्र से सात और गुजरात से 46 शामिल हैं. सभी महंत स्वामी महाराज से 'भगवती दीक्षा' लेकर भगवा वस्त्र धारण करने वाले साधु या 'स्वामी' बन गए. वे बोटाड जिले के सारंगपुर में बीएपीएस आश्रम में सात साल के मठवासी प्रशिक्षण से गुजरेंगे.
पाठ्यक्रम में महाभारत, भगवद गीता न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाठ्यक्रम में स्वामीनारायण हिंदू धर्मशास्त्र, इतिहास और साहित्य के साथ-साथ रामायण, महाभारत, भगवद गीता, उपनिषद और अन्य हिंदू शास्त्रों का गहन अध्ययन शामिल है. इसमें संस्कृत, हिंदी, गुजराती और अन्य भाषाओं का अध्ययन भी शामिल है. 6 जनवरी को महंत स्वामी महाराज ने आईआईएम-उदयपुर के एक पूर्व छात्र सहित 46 युवाओं को 'पराशादी दीक्षा' देकर मठवासी व्यवस्था में दीक्षित किया था.
संप्रदाय मौजूदा समय में BAPS स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु, प्रमुख स्वामी महाराज की जन्म शताब्दी मना रहा है, जिनकी मृत्यु अगस्त 2016 में हुई थी.
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