गीतांजलि श्री: बुकर सम्मान की अंतिम दौड़ में हिंदी की पहली लेखिका, क्या बदलेगी इससे हिंदी की दुनिया
BBC
अंतरराष्ट्रीय बुकर सम्मान के लिए अंतिम छह किताबों में शामिल होने वाला 'रेत समाधि' इस स्तर तक पहुंचने वाला हिंदी का पहला उपन्यास है.
'एक कहानी अपने आपको कहेगी. मुक़म्मल कहानी होगी और अधूरी भी, जैसा कहानियों का चलन है. दिलचस्प कहानी है.'
यह हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' के पहले दो वाक्य हैं.
हाल ही में इस उपन्यास के अंग्रेज़ी अनुवाद 'टूंब ऑफ़ सैंड' ने अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के अंतिम छह में जगह बनाई है.
हिंदी में बुकर तक पहुंचने की जो कहानी अधूरी पड़ी थी, उसे गीतांजलि श्री मुक़म्मल करने के बेहद करीब पहुंच चुकी हैं.
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित 'रेत समाधि' हिंदी की पहली ऐसी कृति है जो अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शॉर्टलिस्ट तक पहुंची है.
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