'गिर गया तो गिर गया...', बिहार में पुल गिरने पर बोले सपा के सीनियर नेता रामगोपाल यादव
AajTak
बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल बीते रविवार को गिर गया था, जिसको लेकर बीजेपी ने नीतीश और तेजस्वी पर सवाल उठाए थे. अब सपा के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि ये पुल तो पहले ही डिस्मेंटल होने वाला था. अब गिर गया तो गिर गया.
बिहार के भागलपुर में बीते रविवार को गंगा नदी पर 1700 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा पुल गिर गया. इस पुल का उद्घाटन सीएम नीतीश ने नवंबर 2014 में किया था, लेकिन नौ साल बीत जाने पर भी निर्माणकार्य पूरा नहीं हो सका. इस मामले में एक ओर बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार को घेरा तो वहीं सपा को नीतीश का साथ मिला है.
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि ये पुल तो पहले ही डिस्मेंटल होने वाला था. अब गिर गया तो गिर गया. वैसे भी इस देश में राजनीति तो हर चीज पर हो रही है और हर आदमी कर रहा है.
बीजेपी ने मांगा नीतीश-तेजस्वी का इस्तीफा
पुल गिरने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई. बीजेपी ने इस मामले में महागठबंधन सरकार पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि पुल गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चाचा-भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) को इस्तीफा दे देना चाहिए.
नीतीश बोले- ठीक से नहीं बन रहा था पुल
नीतीश कुमार ने कहा, कुछ समय पहले भी ऐसा हुआ था. हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ है. हमने इसे बहुत पहले बनाना तय किया था. 2012 में इसे बनाने का फैसला किया गया. 2014 में इसे बनाना शुरू किया गया. जिसको भी दिया गया (ठेका), वह इतना देर में क्यों बना रहा है. पहले गिर गया था, 1 साल पहले तब भी हमने कहा था. कल ये फिर गिर गया. हमने विभाग के लोगों को कहा कि देखिए और एक्शन लीजिए. ये कोई तरीका नहीं है. अभी तक ये होना जाना चाहिए. बहुत हो गया. इतनी देर क्यों हो रही है. मुझे बहुत तकलीफ हुई है. इसे ठीक से नहीं बनाया जा रहा था, इसलिए बार बार गिर जा रहा है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.