गावस्कर मानते थे गुंडप्पा विश्वनाथ को अपने से बेहतर बल्लेबाज़: विवेचना
BBC
कलाइयों के सहारे बेहतरीन स्क्वायर कट लगाने वाले गुंडप्पा विश्वनाथ की आत्मकथा हाल में प्रकाशित हुई है 'रिस्ट एश्योर्ड'. इसमें उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन के बारे में विस्तार से बात की है.
गुंडप्पा विश्वनाथ के बारे में कहा जाता था कि उनकी कलाइयां फ़ौलाद की बनी हैं. जब वो स्क्वायर कट खेला करते थे तो बल्ले से गेंद के मिलने की आवाज़ पूरे स्टेडियम में गूंजा करती थी.
लेकिन एक ज़माना ऐसा भी था कि विश्वनाथ के लगाए शॉट बाउंड्री तक नहीं पहुंच पाते थे. तब टाइगर पटौदी ने उन्हें एक ज़बरदस्त सलाह दी थी.
विश्वनाथ अपनी आत्मकथा 'रिस्ट अश्योर्ड' में लिखते हैं, "हैदराबाद के ख़िलाफ़ रणजी मैच के बाद पटौदी मेरे पास आए और पूछा क्या तुम जिम में कुछ वक्त बिताते हो? मैंने कहा- जिम और मैं? कभी नहीं. पटौदी बोले- क्या तुम्हारे घर में बाल्टियाँ हैं? जब मैंने कहा हां, तो पटौदी ने कहा- दो बाल्टियों को पूरी तरह पानी से भर लो और उनको दोनों हाथों से पकड़कर दिन में तीन-चार बार लगातार बीस बार उठाओ. मैंने सोचा टाइगर मज़ाक कर रहे हैं लेकिन पटौदी ने कहा वो पूरी गंभीरता से ये सलाह मुझे दे रहे हैं. मैंने पटौदी की सलाह का पालन करना शुरू कर दिया. एक महीने के अंदर मुझे इसका असर दिखना शुरू हो गया और मेरी कलाइयां मज़बूत होती चली गईं."
तभी 1972 में इंग्लैंड भारत सीरीज़ कवर करने आए गार्डियन अख़बार के संवाददाता फ़्रैंक कीटिंग ने टिप्पणी की थीं कि "विश्वनाथ की बांह में लोहार जैसी ताकत है."