गाजियाबाद गैंगरेप मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने बनाई दो टीमें, जानिए पूरा मामला
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने गाजियाबाद में महिला के कथित सामूहिक बलात्कार के मामले को संज्ञान में लिया है. महिला आयोग की टीम ने मामले की जांच करते हुए अस्पताल के अधिकारियों से भी संपर्क किया. इसके बाद टीम ने एसएसपी गाजियाबाद जी. मुनिराज और जांच अधिकारी आलोक दुबे से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि जांच में यह घटना साजिश लगती है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने गाजियाबाद में महिला के कथित सामूहिक बलात्कार के मामले को संज्ञान में लिया है. शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया था कि महिला को दो दिन बंधक बनाकर रखा गया. इसके बाद उसे जूट के थैले में बंद करके छोड़ दिया गया था.
उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे और एक लोहे की रॉड उसके शरीर में थी. तथ्यों का पता लगाने के लिए महिला आयोग ने 2 सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम ने महिला और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की.
पुलिस ने जांच में मामले को पाया फर्जी दरअसल, इस घटना में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. बताया गया था कि महिला ने प्रॉपर्टी के विवाद में पांच लोगों को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा था. मामले में गाजियाबाद पुलिस ने महिला के जानकार और साजिशकर्ता आजाद, उसके साथी गौरव और अफजल को गिरफ्तार कर लिया है.
साजिश रचने में इस्तेमाल अल्टो कार को भी गाजियाबाद पुलिस द्वारा बरामद किया गया है. मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेस वार्ता कर इस घटना का खुलासा किया था.
बयान, फॉरेंसिक सबूत घटना की तस्दीक नहीं कर रहे- एसएसपी गाजियाबाद
महिला आयोग की टीम ने मामले की जांच करते हुए अस्पताल के अधिकारियों से भी संपर्क किया. इसके बाद टीम ने एसएसपी गाजियाबाद जी. मुनिराज और जांच अधिकारी आलोक दुबे से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि रिपोर्ट की गई घटना साजिश लगती है.
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