गाजा में सक्रिय UN की इस एजेंसी पर इजरायल ने क्यों लगाया प्रतिबंध, क्या होगा असर?
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इजरायल की संसद ने एक प्रस्ताव पास करते हुए गाजा पट्टी में UN की एक संस्था यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) को बैन कर दिया. आरोप है कि एजेंसी हमास को सपोर्ट करती थी. लेकिन क्या इसके बाद संयुक्त राष्ट्र वहां भुखमरी के शिकार लोगों तक मदद नहीं पहुंचा सकेगा? और यूएन ने ऐसा क्या किया, जो इजरायल इतना भड़क उठा?
सोमवार को इजरायली संसद नेसेट ने एक बिल पास किया, जिसमें फिलिस्तीनी रिफ्यूजी एजेंसी को बैन करने की बात है. यूएन से जुड़ी हुई इस एजेंसी पर पाबंदी लगाने का सीधा मतलब है कि इससे गाजा पट्टी या वेस्ट बैंक में पहुंच रही इंटरनेशनल मदद में कटौती हो सकती है. पाबंदी का प्रस्ताव कुछ समय पहले से ही चर्चा में था, जिसे लेकर तेल अवीव की आलोचना भी हो रही थी. इसके बाद भी इजरायल ने क्यों लिया ये फैसला? क्या है इस एजेंसी पर इजरायल का आरोप?
क्या है यह एजेंसी
यूएनआरडब्ल्यूए का पूरा नाम है- यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर पेलेस्टाइन रिफ्यूजीस इन नियर ईस्ट. यह फिलिस्तीन समेत पूरे मिडिल ईस्ट में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से राहत और पुनर्वास के काम करती आई. इसका मुख्य मकसद फिलिस्तीनी शरणार्थियों को बेसिक सुविधाएं देना और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सुनिश्चित करना है.
कहां करती है काम
ये गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, इजरायल अधिकृत येरूशलम, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया में ज्यादा काम करती है, जहां फिलिस्तीनी रिफ्यूजी बसे हुए हैं. वैसे इसका काम साल 1948 में शुरू हुआ, जब इजरायली आजादी के युद्ध के दौरान 7 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए.
किस तरह का काम करती है
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई.