![गांवों में कैसे फैला कोरोना, कहां चूक गईं सरकारें, क्या हैं आगे की तैयारियां-चुनौतियां?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202105/gzb-sixteen_nine.jpg)
गांवों में कैसे फैला कोरोना, कहां चूक गईं सरकारें, क्या हैं आगे की तैयारियां-चुनौतियां?
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कोरोना की दूसरी लहर ने अपने पैर पसारने शुरू किए तो इसने ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है. यही कारण है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हर कोई चिंतित है और एक्सपर्ट्स लगातार गांवों को बचाने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सरकारों की ओर से अभी तक क्या तैयारियां की गई हैं, क्या किया जा रहा है और कहां पर लापरवाही देखने को मिली है, एक नज़र डालिए...
कोरोना वायरस से लड़ते हुए भारत को अब डेढ़ साल हो गया है. इस महामारी ने शुरुआत में तो बड़े शहरों में जमकर तबाही मचाई, लेकिन अब जब कोरोना की दूसरी लहर ने अपने पैर पसारने शुरू किए तो इसने ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है. यही कारण है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हर कोई चिंतित है और एक्सपर्ट्स लगातार गांवों को बचाने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सरकारों की ओर से अभी तक क्या तैयारियां की गई हैं, क्या किया जा रहा है और कहां पर लापरवाही देखने को मिली है, एक नज़र डालिए...केंद्र ने राज्य सरकारों से की ये अपील... रविवार को केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीण इलाकों में फैल रहे कोरोना के मामलों को लेकर कुछ निर्देश राज्य सरकारों को दिए गए हैं. केंद्र ने अपील की है कि राज्य सरकारों को इन इलाकों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और कम्युनिटी बेस्ड सेंटर्स का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि महामारी को बढ़ने से रोका जा सका. केंद्र ने साथ ही अपील की है कि राज्य सरकारों को अब ग्राउंड लेवल के स्टाफ को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि अंदरूनी इलाकों में स्क्रीनिंग के वक्त इसका इस्तेमाल हो सके और अधिक से अधिक टेस्टिंग की जा सके. दरअसल, रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अगुवाई में सभी राज्यों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें मौजूदा स्थिति और ग्रामीण इलाकों को लेकर तैयारी पर चर्चा की गई.![](/newspic/picid-1269750-20250216071535.jpg)
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं यह रेलवे का कुप्रबंधन है जिसके कारण इतने लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कुंभ पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि 'कुंभ का क्या कोई मतलब है, फालतू है कुंभ.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जिसमें 9 महिलाएं और कई बच्चे शामिल हैं. स्टेशन पर बिखरे सामान, जूते और कपड़े इस घटना की गवाही दे रहे हैं. भगदड़ के दौरान लोग जान बचाने के लिए सीढ़ियों और एस्केलेटर पर दौड़ पड़े. प्लेटफॉर्म पर सीमित जगह के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई. देखें वीडियो.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ पर रेलवे का बयान सामने आया है. नॉर्दर्न रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, प्लेटफॉर्म 14-15 के बीच फुटओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलने से भगदड़ मच गई. उन्होंने बताया कि इस समय प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी. देखें वीडियो.
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प्रयागराज में संगम स्नान के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है. हालात को संभालने के लिए RPF और GRP की टीम तैनात है, लेकिन यात्रियों की भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद तस्वीरें सामने आई हैं. अपनी जान बचाने के लिए कई लोगों ने फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे कई यात्री घायल हो गए. भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर जूते, बैग, टूटी चप्पलें और यात्रियों का सामान बिखरा पड़ा है, जिसे अब हटाने का काम जारी है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर हुई भगदड़ के भयावह मंजर को याद कर लोगों की रूह कांप रही है. हादसे की गवाह एक महिला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए निकली थीं. महिला ने कहा कि हम आधे घंटे तक दबे रहे, मेरी ननद की मौत हो गई... हम उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुंह से झाग आ रहा था.