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'गांधी परिवार के मुंह संविधान से खिलवाड़ का खून लग गया है', पीएम मोदी का बड़ा वार
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प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 55 साल एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए देश को क्या-क्या हुआ, ये जानने का अधिकार है और इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति इसकी परंपरा निरंतर चल रही है. हर स्तर पर इस परिवार संविधान को चुनौती दी है. 1951 में जबकि चुनी हुई सरकार नहीं थी, उन्होंने ऑर्डिनेंस लाकर संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हथौड़ा मार दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1949 में संविधान को अपनाने के बाद से भारत की यात्रा को "असाधारण" बताते हुए शनिवार को कहा कि देश की प्राचीन लोकतांत्रिक जड़ें लंबे समय से दुनिया के लिए प्रेरणा रही हैं. उन्होंने संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर दो दिवसीय बहस का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि भारत न केवल एक बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि गांधी परिवार के मुंह संविधान से खिलवाड़ का खून लग गया है.
मोदी ने कहा कि भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का संकल्प लिया है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसकी एकता सबसे बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "हमारा संविधान हमारी एकता का आधार है."
उन्होंने पुरुषोत्तम दास टंडन और भीम राव अंबेडकर जैसी प्रख्यात हस्तियों की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि संविधान निर्माण में शामिल लोग अच्छी तरह जानते थे कि भारत का जन्म 1947 में नहीं हुआ था और न ही यह 1950 में लोकतांत्रिक बना था. उतार-चढ़ाव तो आए लेकिन मैं फिर एकबार देश की जनता को नमन करता हूं कि देश की जनता पूरी ताकत के साथ खड़ी रही.
'संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी'
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 55 साल एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए देश को क्या-क्या हुआ, ये जानने का अधिकार है और इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति इसकी परंपरा निरंतर चल रही है. हर स्तर पर इस परिवार संविधान को चुनौती दी है. 1951 में जबकि चुनी हुई सरकार नहीं थी उन्होंने ऑर्डिनेंस लाकर संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हथौड़ा मार दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि अपने मन की चीजें जो संविधान सभा में नहीं करवा पाए वो पीछे से किया. अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए ये नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. 1951 में ये पाप किया गया उस समय राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने चेताया ये गलत हो रहा है. स्पीकर ने कहा ये गलत कर रहे हो. लेकिन पंडितजी (नेहरू) का अपना संविधान चलता था. उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभाव की सलाह को दरकिनार कर दिया.
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