'गांधी-नेहरू परिवार का गुलाम था, हूं और रहूंगा...' सदन में बोले सीएम अशोक गहलोत के करीबी
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Rajasthan Latest News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले संयम लोढ़ा ने विधानसभा में कहा कि वह नेहरू गांधी परिवार के गुलाम थे, हैं और आगे भी रहेंगे.
राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में मंगलवार को चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) ने एक ऐसा बयान दिया जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है. संयम लोढ़ा ने कहा कि वह गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं और हमेशा ही यह गुलामी करना चाहते हैं.
हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर बोलते हुए संयम लोढ़ा ने कहा कि बीजेपी के नेता हम पर आरोप लगाते हैं कि हम गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं. हम गांधी परिवार के इशारों पर चलते हैं, तो मैं कहना चाहता हूं कि हां मैं गांधी परिवार का गुलाम हूं और हमेशा गुलाम रहूंगा.
गांधी-नेहरू परिवार नहीं होता तो आजाद नहीं होता भारत विधानसभा में बोलते हुए संयम लोढ़ा ने कहा कि जब तक उनकी सांसें चल रही हैं. वह गांधी-नेहरू परिवार की गुलामी करते रहेंगे. लोढ़ा ने कहा कि अगर गांधी परिवार नहीं होता तो देश 1947 में आजाद भी नहीं होता. लोढ़ा के इस बयान पर सदन में विपक्षी विधायकों ने जमकर चुटकी ली. लोढ़ा के बयान के बाद विपक्षी दल के नेता विधानसभा में हंस पड़े.
बीजेपी नेता ने किया लोढ़ा पर कटाक्ष लोढ़ा के गांधी-नेहरू की गुलामी के बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा, मेरे गुलाम मित्र संयम लोढ़ा का बयान सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए हैं मेरे पैर कांपने लगे हैं, मैं बोल नहीं पा रहा हूं. इनका बयान सदन की कार्यवाही से हटाया जाए वरना पूरा राजस्थान इन्हें गुलाम कहेगा.
क्या आप हमेशा के लिए गुलाम रहना चाहते हैं? इस पर राजेंद्र राठौड़ ने लोढ़ा से कहा कि क्या आप अपने आप को गुलाम मानते हो तो इस पर संयम लोढ़ा ने फिर जवाब दिया हां. राजेंद्र राठौड़ ने उन्हें कहा आप हमेशा गुलाम रहे इसके लिए आपको बधाई हो. बता दें कि दो बार चुनाव हारने के बाद संयम लोढ़ा का टिकट कांग्रेस ने काट दिया था. कांग्रेस से टिकट कटने के बाद संयम लोढ़ा निर्दलीय से चुनाव लड़े थे. वर्तमान में संयम लोढ़ा कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर हैं और सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं.
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गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.