गर्भपात क़ानून पर अमेरिकी कोर्ट के निर्णय की आलोचना में उतरे अंतरराष्ट्रीय संगठन
The Wire
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को पलटने से संबंधित निर्णय को महिलाओं के मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए 'बड़ा झटका' क़रार दिया है. वहीं यूएन विमेन ने कहा कि जब गर्भपात के लिए सुरक्षित और क़ानूनी पहुंच प्रतिबंधित की जाती है, तब महिलाएं कम सुरक्षित तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होती हैं, जिसके नतीजे विनाशकारी होते हैं.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को पलटने से संबंधित फैसले को महिलाओं के मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए ‘बड़ा झटका’ करार दिया है. When legal access to abortion is restricted women are forced to resort to less safe methods, too often with disastrous results. We remain steadfast in our determination to ensure that the rights of women & girls are fully observed. Our statement. https://t.co/fUCB5SfaMA Safe abortion care is essential to protect the health of women & girls everywhere.Removing access to #abortion care will put more women & girls at risk of illegal abortions and the consequent safety issues that would bring https://t.co/tbsMFGQAn4 pic.twitter.com/CIFOY09g6d Evidence shows that restricting access to #abortion does not reduce the number of abortions that occur.Restrictions are, however, more likely to drive women and girls towards unsafe procedures https://t.co/tbsMFGQAn4 pic.twitter.com/wxLJDv0IRy
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि गर्भपात तक पहुंच प्रतिबंधित करने से लोगों को इसकी मांग करने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन यह इसे ‘अधिक घातक’ बनाएगा. — UN Women (@UN_Women) June 24, 2022 — World Health Organization (WHO) (@WHO) June 24, 2022 — World Health Organization (WHO) (@WHO) June 24, 2022