गंगासागर जा रहे UP के 3 साधुओं की बंगाल में पिटाई का मामला गरमाया, अब तक 12 गिरफ्तार
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पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से एक शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां मकर संक्रांति के लिए स्नान करने गंगासागर जा रहे साधुओं पर कुछ लोगों ने हमला किया. उन्हें निर्वस्त्र कर पीटा गया. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस की टीम साधुओं को बचाकर थाने लाई और फिर वहां से उनके गंगासागर जाने की व्यवस्था की. फिलहाल, इस मामले के बाद सियासत गर्मा गई है.
आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुरुलिया की घटना ने करीब चार साल पहले की महाराष्ट्र के पालघर की घटना की याद दिला दी? आखिर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं पर हमला क्यों हुआ? बीजेपी क्यों इसे सनातनियों पर हमला मान रही है? और इस हमले को लेकर इंडिया अलायंस क्यों कठघरे में आ गया है? पश्चिम बंगाल में आखिर कानून व्यवस्था पर ममता सरकार कब तक बहाने बनाती रहेगी?
दरअसल, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें कुछ साधुओं को भीड़ निर्वस्त्र कर पीट रही है. साधुओं के बाल पकड़कर घसीटे जा रहे हैं. इसका वीडियो इतना शर्मनाक करने वाला है, जिसे दिखाया नहीं जा सकता. बताया जा रहा है कि मकर संक्रांति के लिए स्नान करने के लिए कुछ साधु गंगासागर की तरफ जा रहे थे.
भाजका का आरोप है कि सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने साधुओं को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा. इतना ही नहीं, जब घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने साधुओं को बचाने की कोशिश की. उस दौरान भी कुछ आरोपी मारपीट करने से बाज नहीं आए. एक वीडियो में देखा जा सकता है कि साधु पीछे खड़े हैं और उनके आगे एक पुलिसकर्मी हमलावर लोगों को शांत कराने की कोशिश करता दिख रहा है.
बीजेपी ने ममता सरकार पर बोला हमला
एक तरफ अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर साधु-संत समाज में खुशी की लहर है. वहीं, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया की खबर से साधु-संत गुस्से में हैं. बीजेपी ने ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला है. तीन साधुओं के साथ पुरुलिया में मारपीट के बाद सियासी तापमान बढ़ गया है. बीजेपी लगातार गिरती कानून व्यवस्था पर सवाल पूछ रही है.
महाराष्ट्र के पालघर की घटना की दिलाई याद
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
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