
गंगाजल से दूर होगी कोरोना की बीमारी, दावे पर HC ने एथिक्स कमेटी और ICMR को नोटिस देकर मांगा जवाब
ABP News
एडवोकेट अरुण गुप्ता का दावा है कि गंगोत्री से निकले गंगाजल का इस्तेमाल कर कोरोना को हराया जा सकता है. गंगाजल से कोरोना को मात देने के दावे का मामला अब अदालत की दहलीज तक पहुंच गया है.
Corona treatment by Gangajal: मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कही जाने वाली राष्ट्रीय नदी गंगा के पानी का इस्तेमाल कर कोरोना की महामारी को मात देने के दावे का मामला अब अदालत की दहलीज तक पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस दावे की सच्चाई परखने और इस पर रिसर्च कर संभावनाएं तलाशने की मांग को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर केंद्र सरकार के साथ ही आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च को नोटिस जारी कर उससे जवाब कर लिया है. कोर्ट ने इन सभी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया है. साथ केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को अगली सुनवाई पर खुद हाजिर रहने को भी कहा है. रिसर्च को बनाया गया है आधार अदालत ने इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट और गंगा से जुड़े मामलों के एमिकस क्यूरी द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. आईसीएमआर द्वारा इस दावे को सिरे से नजरअंदाज किए जाने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस दावे के पीछे दुनिया भर में गंगा को लेकर हुई रिसर्च को आधार बनाया गया है. इसके साथ ही गंगाजल से कोरोना की बीमारी को ठीक करने के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की कमेटी की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई है. अदालत इस मामले में अब अगस्त महीने के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेगी. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस राजेंद्र कुमार की डिवीजन बेंच में हुई. गंगाजल से कोरोना को हराया जा सकता हैएडवोकेट अरुण गुप्ता का दावा है कि उत्तराखंड में गंगोत्री से निकले गंगाजल का इस्तेमाल कर शरीर की इम्युनिटी पावर को बढ़ाते हुए कोरोना को हराया जा सकता है. यानी इम्युनिटी को मजबूत कर ना सिर्फ कोरोना से जंग लड़ी जा सकती है, बल्कि उसे मात भी दी जा सकती है. दावा यहीं तक सीमित नहीं है. कहा ये भी जा रहा है कि अगर किसी को कोरोना हो भी गया है तो उसे गंगाजल पिलाकर इस बीमारी से निजात दिलाई जा सकती है. यानी कोरोना पीड़ितों के इलाज में गंगाजल दवा के तौर पर काम करेगा. अरुण गुप्ता के मुताबिक पोलैंड यूनिवर्सिटी ने साल 2016 में, यूएसए की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने साल 2019 में और भारत के नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट नागपुर ने रिसर्च में ये पाया है कि गंगाजल में तमाम रेडियो एक्टिव एलीमेंट के साथ ही बैक्टीरियोफाज नाम का एक ऐसा वायरस पाया जाता है जो ना सिर्फ गंगा के पानी में मौजूद तमाम बैक्टीरिया को खत्म करता है, बल्कि इसमें पाए जाने वाले तमाम तरह के दूसरे वायरस को भी नष्ट कर देता है.More Related News